लखनऊ : प्रदेश सरकार चिकित्सा जगत में बदलाव लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. नतीजतन काफी सुधार भी आया है. इसी के तहत नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार ने एक और पहल की है. सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नशा मुक्ति केंद्र खोलने का फैसला लिया गया है. डिप्टी सीएम ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल को नशा मुक्ति केंद्र खोलने के निर्देश दिए हैं.
प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद चल रही है. इसका मकसद अधिक से अधिक डॉक्टर तैयार किए जाना है. साथ ही रोगियों को घर के नजदीक समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि 'मेडिकल कॉलेज में रोगियों को सभी तरह की बीमारियों का इलाज मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है. कॉलेजों में आधुनिक मशीनें स्थापित कराई जा रही हैं.'
ओपीडी व भर्ती कर इलाज मिलेगा : डिप्टी सीएम ने बताया कि 'डॉक्टर की सलाह पर रोगियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. ओपीडी के साथ जरूरत पड़ने पर रोगियों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही समय-समय पर जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा. इससे काफी हद तक प्रदेश को नशा मुक्त बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि हाल ही में गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में नशा मुक्ति केंद्र की शुरूआत की गई. धीरे-धीरे बाकी मेडिकल कॉलेजों में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे.'