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ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से डी.बी.टी. प्रभावितों को तुरंत मिलेगी राहत: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'ई-राहत प्रणाली' के तहत ऑनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल के सम्बन्ध में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली को अपनाने से राहत पहुंचाने के कार्याें में तेजी आएगी और प्रभावितों को डी.बी.टी के माध्यम से राहत राशि सीधे उनके बैंक खाते में बिना किसी देरी के पहुंचेगी.

सीएम योगी
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Published : Apr 8, 2021, 9:37 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'ई-राहत प्रणाली' के तहत ऑनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल के सम्बन्ध में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत 'ई-कुबेर प्रणाली' के माध्यम से डी.बी.टी द्वारा प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली को अपनाने से राहत पहुंचाने के कार्याें में तेजी आएगी और प्रभावितों को डी.बी.टी के माध्यम से राहत राशि सीधे उनके बैंक खाते में बिना किसी देरी के पहुंचेगी. गुरुवार को मुख्यमंत्री के समक्ष उनके सरकारी आवास पर ई-राहत प्रणाली के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल में आपदा प्रहरी मोबाइल एप के माध्यम से जनमानस द्वारा क्षति की सूचना दर्ज करने की सुविधा दी जाए. अनुश्रवण हेतु राहत प्राप्तकर्ताओं का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए. सीएम ने कहा कि ई-राहत प्रणाली से पारम्परिक प्रणाली में होने वाले विलम्ब का डिजिटल समाधान होगा साथ ही, वित्तीय अनुशासन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी.

ई-कुबेर प्रणाली का उपयोग करने वाला यूपी होगा पहला राज्य
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राजस्व विभाग ई-कुबेर प्रणाली का प्रयोग करने वाला राज्य का प्रथम विभाग होगा. प्रस्तावित ऑनलाइन वितरण माॅड्यूल का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में कृषि निवेश अनुदान माॅड्यूल को वेबसाइट पर लाइव किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. द्वितीय चरण में आपदा से जनहानि, पशुहानि एवं मकान क्षति के मामलों में दी जाने वाली राहत की प्रक्रिया भी गतिमान है.

आपदा पीड़ित को सरकार से मिलती है इतनी मदद
भारत सरकार द्वारा बाढ़, सूखा, अग्निकाण्ड, ओलावृष्टि, कोहरा एवं शीतलहरी, बादल फटना, भूकम्प, चक्रवात, भू-स्खलन, कीट-आक्रमण तथा हिमस्खलन अधिसूचित आपदाएं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई/गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना तथा मानव वन्य जीव द्वन्द आपदाएं अधिसूचित की गयी हैं. इसके अन्तर्गत राहत सहायता हेतु मानक दरें इस प्रकार हैं- मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपये, कृषि निवेश अनुदान हेतु 6800 रुपये से 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, मृत पशुओं हेतु 3000 रुपये से 30,000 रुपये तक का अनुदान, क्षतिग्रस्त मकानों हेतु 4100 रुपये से 95,100 रुपये तक अनुदान, शारीरिक दिव्यांगता पर 59,100 रुपये से 02 लाख रुपये तक, अस्पताल में भर्ती होने पर 4300 रुपये से 12,700 रुपये तक तथा बर्तन/घरेलू सामग्री हेतु 3800 रुपये तक की राहत उपलब्ध करायी जाती है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'ई-राहत प्रणाली' के तहत ऑनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल के सम्बन्ध में तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत 'ई-कुबेर प्रणाली' के माध्यम से डी.बी.टी द्वारा प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचाई जा सकेगी. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रणाली को अपनाने से राहत पहुंचाने के कार्याें में तेजी आएगी और प्रभावितों को डी.बी.टी के माध्यम से राहत राशि सीधे उनके बैंक खाते में बिना किसी देरी के पहुंचेगी. गुरुवार को मुख्यमंत्री के समक्ष उनके सरकारी आवास पर ई-राहत प्रणाली के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल में आपदा प्रहरी मोबाइल एप के माध्यम से जनमानस द्वारा क्षति की सूचना दर्ज करने की सुविधा दी जाए. अनुश्रवण हेतु राहत प्राप्तकर्ताओं का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए. सीएम ने कहा कि ई-राहत प्रणाली से पारम्परिक प्रणाली में होने वाले विलम्ब का डिजिटल समाधान होगा साथ ही, वित्तीय अनुशासन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी.

ई-कुबेर प्रणाली का उपयोग करने वाला यूपी होगा पहला राज्य
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राजस्व विभाग ई-कुबेर प्रणाली का प्रयोग करने वाला राज्य का प्रथम विभाग होगा. प्रस्तावित ऑनलाइन वितरण माॅड्यूल का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में कृषि निवेश अनुदान माॅड्यूल को वेबसाइट पर लाइव किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. द्वितीय चरण में आपदा से जनहानि, पशुहानि एवं मकान क्षति के मामलों में दी जाने वाली राहत की प्रक्रिया भी गतिमान है.

आपदा पीड़ित को सरकार से मिलती है इतनी मदद
भारत सरकार द्वारा बाढ़, सूखा, अग्निकाण्ड, ओलावृष्टि, कोहरा एवं शीतलहरी, बादल फटना, भूकम्प, चक्रवात, भू-स्खलन, कीट-आक्रमण तथा हिमस्खलन अधिसूचित आपदाएं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई/गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना तथा मानव वन्य जीव द्वन्द आपदाएं अधिसूचित की गयी हैं. इसके अन्तर्गत राहत सहायता हेतु मानक दरें इस प्रकार हैं- मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपये, कृषि निवेश अनुदान हेतु 6800 रुपये से 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, मृत पशुओं हेतु 3000 रुपये से 30,000 रुपये तक का अनुदान, क्षतिग्रस्त मकानों हेतु 4100 रुपये से 95,100 रुपये तक अनुदान, शारीरिक दिव्यांगता पर 59,100 रुपये से 02 लाख रुपये तक, अस्पताल में भर्ती होने पर 4300 रुपये से 12,700 रुपये तक तथा बर्तन/घरेलू सामग्री हेतु 3800 रुपये तक की राहत उपलब्ध करायी जाती है.

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