लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार डिजिटल गवर्नेंस लागू करना चाहती है. इससे पहले सरकार ने अपने सभी विभागों के कर्मचारियों की कार्य दक्षता के आकलन का फैसला किया है. इसके लिए एक समिति बनाई गई है, जो कर्मचारियों की कार्य दक्षता का आकलन करने के साथ ही डिजिटल गवर्नेंस के लिए अपने सुझाव भी देगी.
समिति की पहली बैठक 26 मई को हुई थी. इस बैठक के बाद समिति ने सभी विभागों से कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में विस्तृत विवरण मांगा है. इसे अगले 10 दिन में उपलब्ध कराना होगा. सरकार के इस कदम से कर्मचारियों का एक वर्ग आशंकित भी है कि कहीं सरकार का यह कदम कर्मचारियों की छंटनी के लिए तो नहीं है.
राजीव कुमार की अध्यक्षता में समिति का गठन
मुख्यमंत्री कार्यालय से इस सिलसिले में बीती 18 मई को एक आदेश जारी किया गया, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव नियोजन, कुमार कमलेश को इस समिति का सदस्य सचिव नामित किया गया है. कुमार कमलेश की ओर से 29 मई को प्रदेश सरकार के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव और सचिव को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें समिति के गठन की जानकारी देने के साथ ही कर्मचारियों के बारे में आवश्यक जानकारी मांगी गई है.
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समिति की पहली बैठक 26 मई को आयोजित की जा चुकी है, जिसमें तय हुआ है कि सभी विभागों से आवश्यक सूचनाएं प्राप्त करने के साथ एक प्रश्नावली भी उन्हें भेजी जाए, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो सके.
समिति के दायित्व
- विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या का रेशनलाइजेशन यानी औचित्य स्थापित करना.
- अधिकारियों व कर्मचारियों को अधिक प्रभावी व दक्ष बनाना.
- अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रभावशीलता व दक्षता के आकलन की व्यवस्था.
- डिजिटल गवर्नेंस के लिए सुझाव.