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लखनऊ: लॉकडाउन में कैसे मनाएंं ईद, दारुल उलूम फरंगी महली ने जारी किया फतवा

देश में कोरोना को लेकर लॉकडाउन लागू है. इस दौरान ही मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान भी खत्म हो रहा है. इस बार किस तरह से अलविदा और ईद की नमाज पढ़ी जाए इसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने फतवा जारी किया है. उन्होंने बताया कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो सभी लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ें.

दारुल उलूम फरंगी महली ने जारी किया फतवा
दारुल उलूम फरंगी महली ने जारी किया फतवा
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Published : May 12, 2020, 6:53 PM IST

लखनऊ: मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान खत्म होने वाला है. इसी के साथ ईद-उल-फितर का पर्व भी नजदीक आ गया है. वहीं देश में लॉकडाउन भी लागू है. अलविदा जुमा यानी रमजान महीने के आखिरी शुक्रवार और ईद के पर्व को लेकर इस साल लोगों में कई सवाल हैं. ऐसे में मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने फतवा जारी किया है. इसमें उन्होंने अलविदा की नमाज और ईद का पर्व किस तरह से मनाया जाए इसकी जानकारी दी है.

दारुल उलूम फरंगी महली ने जारी किया फतवा

पवित्र महीना रमजान अब खत्म होने की कगार पर है. वहीं देश में 17 मई तक लॉकडाउन भी लागू है. रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ी जाती है, इसमें बड़ी तादाद में लोग नमाज पढ़ने मस्जिदों में आते हैं. अलविदा की नमाज के साथ ही रमजान खत्म होने के बाद दुनिया भर में ईद मनाई जाती है. इस बार 24 या 25 मई को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा, लेकिन अगर लॉकडाउन का पीरियड बढ़ता है, तो कैसे लोग अलविदा और ईद की नमाज पढ़ेंगे, इस पर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की तरफ से एक फतवा जारी किया गया है.

फतवा जारी करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो लोग जिस तरह से अभी तक घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, उसी तरह अलविदा और ईद की नमाज भी घरों में ही अदा करें. मौलाना खालिद रशीद ने कहा ईद की नमाज के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है, जो भी कपड़ा अच्छा हो उसे पहनकर नमाज पढ़ी जा सकती है.

मौलाना ने कहा कि जिस तरह से अभी तक मस्जिदों में 4 से 5 लोग नमाज अदा कर रहे हैं, वही लोग ईद और अलविदा की नमाज मस्जिदों में पढ़ेंगे. लोगों से अपील करते हुए मौलाना खालिद रशीद ने कहा ईद की खुशी अपने घर में ही मनाएं. इस दौरान न ही किसी के घर जाएं, न ही किसी से हाथ मिलाएं और न ही किसी के गले मिलें. मोबाइल के जरिए ही दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद दें.

लखनऊ: मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान खत्म होने वाला है. इसी के साथ ईद-उल-फितर का पर्व भी नजदीक आ गया है. वहीं देश में लॉकडाउन भी लागू है. अलविदा जुमा यानी रमजान महीने के आखिरी शुक्रवार और ईद के पर्व को लेकर इस साल लोगों में कई सवाल हैं. ऐसे में मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने फतवा जारी किया है. इसमें उन्होंने अलविदा की नमाज और ईद का पर्व किस तरह से मनाया जाए इसकी जानकारी दी है.

दारुल उलूम फरंगी महली ने जारी किया फतवा

पवित्र महीना रमजान अब खत्म होने की कगार पर है. वहीं देश में 17 मई तक लॉकडाउन भी लागू है. रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ी जाती है, इसमें बड़ी तादाद में लोग नमाज पढ़ने मस्जिदों में आते हैं. अलविदा की नमाज के साथ ही रमजान खत्म होने के बाद दुनिया भर में ईद मनाई जाती है. इस बार 24 या 25 मई को ईद का त्यौहार मनाया जाएगा, लेकिन अगर लॉकडाउन का पीरियड बढ़ता है, तो कैसे लोग अलविदा और ईद की नमाज पढ़ेंगे, इस पर मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की तरफ से एक फतवा जारी किया गया है.

फतवा जारी करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो लोग जिस तरह से अभी तक घरों में नमाज पढ़ रहे हैं, उसी तरह अलविदा और ईद की नमाज भी घरों में ही अदा करें. मौलाना खालिद रशीद ने कहा ईद की नमाज के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है, जो भी कपड़ा अच्छा हो उसे पहनकर नमाज पढ़ी जा सकती है.

मौलाना ने कहा कि जिस तरह से अभी तक मस्जिदों में 4 से 5 लोग नमाज अदा कर रहे हैं, वही लोग ईद और अलविदा की नमाज मस्जिदों में पढ़ेंगे. लोगों से अपील करते हुए मौलाना खालिद रशीद ने कहा ईद की खुशी अपने घर में ही मनाएं. इस दौरान न ही किसी के घर जाएं, न ही किसी से हाथ मिलाएं और न ही किसी के गले मिलें. मोबाइल के जरिए ही दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद दें.

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