लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार हो रहा है, जिसके तहत दो से ज्यादा बच्चे वालों को राशन और अन्य सब्सिडी में कटौती करने पर विचार की खबरें आ रही हैं. राज्य विधि आयोग जल्द सरकार को इसका मसौदा भेजेगा. वहीं, कोरोना काल में तेज होती इस कानून की चर्चाओं पर अब प्रतिक्रियाएं भी आना शुरू हो गई हैं. दारूल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि असल मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह के कानून बनाकर एक बार फिर से बहस छेड़ने की कोशिश हो रही है.
मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि सरकार का फर्ज बनता है कि उसके राज्य में कोई भी भूखा न रहे. सबकी सुरक्षा के साथ सेहत का ख्याल रखना सरकार का असल काम होता है, लेकिन इन सब मुद्दों से जनता को भटकाने के लिए इस तरह के कानून पर चर्चा और बहस कर लोगों को डाईवर्ट किया जा रहा है. मौलाना ने कहा कि इस समाज में हर मजहब और मिल्लत के लोग रहते हैं. ऐसे में इन बातों को उठाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचकर जनता को दूसरे मुद्दों पर उलझाए रखने की कोशिश है, जिससे सरकार से लोग अपने मुद्दों को लेकर सवाल न करें.
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मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जनता को इन फिजूल मुद्दों में उलझने की जरूरत नहीं है. ये समय सरकार से सीधे अपने मसलों को लेकर सवाल करने का है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तय की गई स्कीमों का जनता लाभ क्यों नहीं उठा पा रही और सीधे अवाम तक सरकार की कोई योजना क्यों नहीं पहुंच पाती है, इन सब पर बात होनी चाहिए, क्योंकि इसकी जवाबदेही सरकार की बनती है.