लखनऊः वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक के निधन के बाद सोशल मीडिया पर देश की बड़ी इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के नाम से एक फतवा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था. फतवे में डॉक्टर कल्बे सादिक के नमाजे जनाजा में शामिल होने वाले सुन्नी समुदाय के लोगों का निकाह टूट जाने की फर्जी खबर तेजी से वायरल की जा रही थी. इस पर दारुल उलूम देवबंद शिक्षण संस्थान ने स्वयं संज्ञान लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही इस अफवाह और फतवे को फर्जी करार दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो
आज के दौर में सोशल मीडिया के माध्यम से लोग ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से सूचनाओं का तेजी से प्रसारण करते हैं. इनमें कुछ सूचनाएं तो लाभकारी होती हैं और बहुत सी सूचनाएं फर्जी भी साबित होती हैं. ऐसी ही एक खबर सोशल मीडिया के माध्यम से डॉक्टर कल्बे सादिक की नमाज-ए-जनाजा में शामिल होने वाले सुन्नी समुदाय के लोगों के लिए वायरल की जा रही थी.
वीडियो में सुन्नी समुदाय को दी जा रही है हिदायत
वीडियो में कुछ दूसरे मुस्लिम समुदाय के लोग सुन्नी समुदाय के लोगों को हिदायत दे रहे हैं कि नमाज-ए-जनाजा में शामिल हुए हो, आपका निकाह भी टूट सकता है. इस फर्जी खबर के माध्यम से दारुल उलूम देवबंद की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी. इस वीडियो पर दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने स्वतः संज्ञान लिया. उन्होंने बयान जारी करते हुए इस खबर को फर्जी बताया. उन्होंने इस खबर पर अपनी नाराजगी जाहिर की और ऐसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की.
दारुल उलूम ने मेसेज को बताया फर्जी
दारुल उलूम के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दारुल उलूम देवबंद की ओर से ऐसा कोई फतवा जारी नहीं किया गया है. साजिश के तहत सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाई गई है. इसका दारुल उलूम देवबंद से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाई जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.