लखनऊः देश में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दस्तक दे चुका है. यह 36 से अधिक कोरोना मरीजों को चपेट में ले चुका है. वहीं, यूपी में संक्रमण की चपेट में आए मरीजों में कौन सा वैरिएंट है, इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है. इसका कारण जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट का ठप होना है.
यूपी में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी है. ऐसे में एयरपोर्ट, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. इनमें पॉजिटिव आने वाले यात्रियों का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट के लिए भेजने के निर्देश हैं, लेकिन यूपी में जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट की लैब ठप हैं. स्थिति यह है कि सीएसआईआर की इकलौती लैब ने भी जांच से हाथ खड़े कर दिए हैं. कारण, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कम सैम्पल भेजने से लैब का जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट में खर्चा अधिक हो रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से जांच के लिए इनकार कर दिया है.
दूसरी लहर में शहर के एसजीपीजीआई, केजीएमयू में जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट किए गए. वहीं एक दिसम्बर को तीसरी लहर को टालने के लिए टेस्ट पर जोर देने के निर्देश दिए गए. इसके लिए केजीएमयू, एसजीपीजीआई, गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट का दावा किया गया, लेकिन 13 दिन बाद भी अभी नए वैरिएंट की जांच कर पाना मुमकिन नहीं हो सका.
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ओमिक्रोन की पड़ताल के लिए अभी तक सिर्फ 22 सैम्पल के जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट हो सके हैं. वहीं, 42 सैम्पल तीन दिन से डंप हैं. इनकी जांच नहीं हो पा रही हैं. डीजी हेल्थ डॉ वेद व्रत सिंह के मुताबिक, आईसीएमआर की लैब ने कम सैम्पल की जांच से इनकार कर दिया. वहीं, यह सैम्पल अब दिल्ली के आईएलबीएस लैब भेजे जाएंगे.
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