लखनऊ : बिजली कंपनियों में कुछ आरक्षण विरोधी ताकतें दलित अभियंताओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करा रही हैं. इस संबंध में सूचना एकत्र कर जल्द ही डिस्कॉम प्रबंधन से दो टूक बात होगी, फिर भी ना बनी बात तो एसोसिएशन बड़ा निर्णय लेगा. उत्तर प्रदेश पाॅवर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति की आवश्यक बैठक में गुरुवार को सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि ऊर्जा निगमों में कुछ संगठनों की तरफ से किए जा रहे आंदोलन से पाॅवर ऑफिसर एसोसिएशन के सदस्यों का कोई भी लेना देना नहीं है.
एसोसिएशन के सभी सदस्य पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं व पाॅवर कॉर्पोरशन प्रबंधन की नीतियों को आगे बढाने में अपना योगदान देते रहेंगे. जहां तक सवाल है एसोसिएशन के सदस्यों की समस्याओं का उस पर लगातार पाॅवर कॉर्पोरशन प्रबंधन से वार्ता चल रही है. सभी सदस्य अपनी संवैधानिक मांगो व समस्याओं से जैसे-जैसे एसोसिएशन को अवगत कराते रहेंगे. उसी के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान के लिए प्रबंधन से वार्ता जारी रहेगी.
उत्तर प्रदेश पाॅवर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर एसपी सिंह, महसचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार व संगठन सचिव राम बरन ने कहा हम अपने अधिकार की लडाई लडना जानते हैं. हमे कभी भी किसी संगठन के साथ न गए हैं ना जाएंगे. न किसी संगठन का सहयोग करेंगे. पाॅवर ऑफिसर एसोसिएशन से जुडे सभी सदस्य जो दलित व पिछडे वर्ग से संबंध रखते हैं वह सभी बाबा साहब की बनाई गई संवैधानिक व्यवस्था में यकीन करते हैं. उनकी जो भी मांगे होती हैं वह संवैधानिक होती हैं उस पर सरकार से लेकर कॉर्पोरशन प्रबंधन तक लगातार चर्चा परिचर्चा होती रहती है.
वर्तमान में जब ऊर्जा निगमों को आगे बढाने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऊर्जा क्षेत्र में कार्मिकों को अपना योगदान शत-प्रतिशत देना चाहिए. ऐसे में उस समय एसोसिएशन के सदस्य किसी भी प्रकार के आंदोलन से अपने को अलग रखेंगे. एसोसिएशन के प्रांतीय कार्य समिति ने यह भी एलान किया है कि सभी बिजली कंपनियों में आरक्षण विरोधी ताकतें दलित अभियंताओं के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत कार्रवाई करा रही हैं. सभी साक्ष्य एकत्र कर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति सभी बिजली कंपनियों में प्रबंध निदेशकों से मुलाकात कर उनसे बात करेगी. उसके बावजूद अगर उनका उत्पीड़न जारी रहा तो एसोसिएशन अपने तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.