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साइबर क्रिमिनल पेंशन धारकों को बना रहे निशाना, दर्ज हुई FIR

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब साइबर क्रिमिनलों(cyber criminals) ने पेंशन धारकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. साइबर क्रिमिनल पेंशन धारकों के पास निदेशालय कर्मी बनकर फोन कर ठगी कर रहे हैं. इसे लेकर पेंशन निदेशालय ने FIR दर्ज कराई है.

साइबर ठगी का मामला
साइबर ठगी का मामला
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Published : Jun 4, 2021, 1:39 AM IST

लखनऊ: साइबर ठगों(cyber criminals) पेंशन धारकों के पास फोन करके ऑनलाइन पेंशन भेजने के नाम पर उनका खाता खाली कर रहे हैं. पेंशन निदेशालय(directorate of pensions) में कई पेंशन भोगियों ने शिकायत दर्ज कराई है. जांच में पता चला है कि साइबर क्रिमिनल(cyber criminals) पेंशन निदेशालय कर्मी बनकर पेंशन भोगियों को फोन कर ठगी कर रहे हैं. खुलासे के बाद पेंशन निदेशालय ने लखनऊ साइबर सेल(cyber cell) में मुकदमा दर्ज कराया है. लखनऊ कमिश्नरेट के साइबर सेल(cyber cell) ने एडवाइजरी जारी कर पेंशन धारकों को ठगों से सजग रहने की अपील की है.

साइबर ठगी का मामला

खंगाली जा रही कॉल डिटेल
साइबर सेल प्रभारी एसीपी क्राइम विवेक रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर अपराधियों ने लखनऊ के कई पेंशन धारकों को फोन कर बैंक डिटेल, पीपीओ नंबर और ओटीपी पूछकर ठगी की है. पेंशन निदेशालय द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में प्रयुक्त फोन नम्बर की डिटेल खंगाली जा रही है. ठगी में प्रयुक्त किए गए फोन नंबर बाहर राज्यों के बताए जा रहे हैं. संबंधित राज्यों के साइबर सेल से संपर्क कर और आरोपियों को चिन्हित कर जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

कॉल कर ऐसे दिलाते हैं भरोसा
एसीपी साइबर सेल के मुताबिक, साइबर अपराधियों द्वारा पेंशन धारकों को 'जीवन प्रमाण पत्र' ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल किया जा रहा है, उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डाटा जैसे नियुक्ति का दिनांक, सेवानिवृत्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर (पेंशनभोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थाई पता ईमेल आईडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि और मासिक पेंशन नामिनी आदि की जानकारी होती है. वह उन्हें इस पूरे डाटा के साथ कॉल करते हैं, ताकि पेंशन धारकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि कॉल पेंशन निदेशालय से है.


मॉडस ऑपरेंडी, डाटा बताने के साथ मांगते हैं OTP
वह पेंशन धारकों का पूरा डाटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने हेतु OTP साझा करने के लिए कहते हैं. एक बार जब पेंशन धारक फोन पर आए हुए ओटीपी को बता देते हैं, तो जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है, तत्पश्चात् वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरंत दूसरे फर्जी बैंक खातों या बैलेट में स्थानांतरित कर देते हैं.

इसे भी पढ़ें- ग्लव्स सप्लाई के नाम महिला से लाखों की ठगी, साइबर ठगों ने उड़ाए रुपये


पेंशन निदेशालय कभी भी अपडेट के लिए पेंशन धारक को कॉल नहीं करता: एसीपी साइबर सेल
एसीपी साइबर सेल विवेक रंजन राय का कहना है कि पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है. और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है. इसके लिए जागरुक रहें. यह पेंशन धारकों का कर्तव्य है कि वह अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराएं. इस तरह आने वाली फर्जी सूचना से बचें और ऐसी किसी कॉल आने पर साइबर क्राइम सेल हजरतगंज लखनऊ को सूचित करें.

लखनऊ: साइबर ठगों(cyber criminals) पेंशन धारकों के पास फोन करके ऑनलाइन पेंशन भेजने के नाम पर उनका खाता खाली कर रहे हैं. पेंशन निदेशालय(directorate of pensions) में कई पेंशन भोगियों ने शिकायत दर्ज कराई है. जांच में पता चला है कि साइबर क्रिमिनल(cyber criminals) पेंशन निदेशालय कर्मी बनकर पेंशन भोगियों को फोन कर ठगी कर रहे हैं. खुलासे के बाद पेंशन निदेशालय ने लखनऊ साइबर सेल(cyber cell) में मुकदमा दर्ज कराया है. लखनऊ कमिश्नरेट के साइबर सेल(cyber cell) ने एडवाइजरी जारी कर पेंशन धारकों को ठगों से सजग रहने की अपील की है.

साइबर ठगी का मामला

खंगाली जा रही कॉल डिटेल
साइबर सेल प्रभारी एसीपी क्राइम विवेक रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर अपराधियों ने लखनऊ के कई पेंशन धारकों को फोन कर बैंक डिटेल, पीपीओ नंबर और ओटीपी पूछकर ठगी की है. पेंशन निदेशालय द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में प्रयुक्त फोन नम्बर की डिटेल खंगाली जा रही है. ठगी में प्रयुक्त किए गए फोन नंबर बाहर राज्यों के बताए जा रहे हैं. संबंधित राज्यों के साइबर सेल से संपर्क कर और आरोपियों को चिन्हित कर जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

कॉल कर ऐसे दिलाते हैं भरोसा
एसीपी साइबर सेल के मुताबिक, साइबर अपराधियों द्वारा पेंशन धारकों को 'जीवन प्रमाण पत्र' ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल किया जा रहा है, उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डाटा जैसे नियुक्ति का दिनांक, सेवानिवृत्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर (पेंशनभोगी भुगतान आदेश संख्या), आधार कार्ड संख्या, स्थाई पता ईमेल आईडी, सेवानिवृत्ति पर प्राप्त राशि और मासिक पेंशन नामिनी आदि की जानकारी होती है. वह उन्हें इस पूरे डाटा के साथ कॉल करते हैं, ताकि पेंशन धारकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि कॉल पेंशन निदेशालय से है.


मॉडस ऑपरेंडी, डाटा बताने के साथ मांगते हैं OTP
वह पेंशन धारकों का पूरा डाटा बताते हुए उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने हेतु OTP साझा करने के लिए कहते हैं. एक बार जब पेंशन धारक फोन पर आए हुए ओटीपी को बता देते हैं, तो जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है, तत्पश्चात् वे पेंशन धारक के खाते में जमा समस्त राशि को तुरंत दूसरे फर्जी बैंक खातों या बैलेट में स्थानांतरित कर देते हैं.

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पेंशन निदेशालय कभी भी अपडेट के लिए पेंशन धारक को कॉल नहीं करता: एसीपी साइबर सेल
एसीपी साइबर सेल विवेक रंजन राय का कहना है कि पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है. और न ही ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है. इसके लिए जागरुक रहें. यह पेंशन धारकों का कर्तव्य है कि वह अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराएं. इस तरह आने वाली फर्जी सूचना से बचें और ऐसी किसी कॉल आने पर साइबर क्राइम सेल हजरतगंज लखनऊ को सूचित करें.

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