लखनऊ: प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने संत कबीर के फरवरी में आने वाले निर्वाण दिवस को धूमधाम से मनाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि संस्कृति व पर्यटन विभाग मिलकर कबीर उत्सव को भव्य स्वरुप दें. कबीर के राम शीर्षक से साखी-सबद आदि की संगीतमय प्रस्तुतियों के साथ ही काशी और कबीर की निर्वाण मगहर में कबीर निर्वाण दिवस पर विशिष्ट आयोजन कराए जाएं.
उन्होंने कहा कि कबीर उत्सव का शुभारंभ वाराणसी से किया जाए. जिसमें प्रथम दिवस संगोष्ठी व प्रदर्शनी तथा द्वितीय दिवस झांकियों के साथ लहरतारा से निर्गुणिया यात्रा निकाली जाए. आयोजन में भाषा, सूचना, खादी, युवा कल्याण आदि का सहयोग लेने के निर्देश प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि संत कबीर की प्रासंगिकता और नई पीढ़ी को मानवीय मूल्यों के प्रति सजग बनाने के लिए विषयाधारित व्याख्यान होने चाहिए. गोरख, कबीर व संत रविदास की त्रिधारा ने लोक को सर्वाधिक प्रभावित किया है.
कबीर अकादमी के शासी परिषद की बैठक में संस्कृति मंत्री ने अकादमी के कार्यों को गति देने के लिए दिशा निर्देश दिये. मंगलवार को पर्यटन भवन सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी ने की.
बैठक में लिए गए यह महत्वपूर्ण निर्णय
इस बैठक में कबीर अकादमी के मगहर में हो रहे निर्माण कार्यों का पाक्षिक पर्यवेक्षण करने, लखनऊ में शिविर कार्यालय संचालित करने, शासी परिषद के शेष सदस्यों के साथ ही निदेशक की नियुक्ति किये जाने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही चालू वित्तीय वर्ष की योजनाओं का क्रियान्वयन व आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना तैयार करने, अकादमी का वार्षिक कैलेण्डर बनाने, कबीर पर कार्य कर रही देश भर की सरकारी व गैरसरकारी संस्थाओं का डाटा बेस तैयार करने और कबीर अकादमी के उद्देश्य के अनुरूप कार्य कर रहे शैक्षणिक संस्थानो को अकादमी से जोड़ते हुए अन्य राज्यों से भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान किये जाने के निर्णय लिये गए.
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन के प्रति काफी गंभीर हैं और यही कारण है कि अयोध्या काशी मगहर सभी धार्मिक स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है.