लखनऊ: बुधवार को लखनऊ एसटीएफ को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. लखनऊ एसटीएफ 25 -25 हजार रुपये के दो इनामिया जलसाजों को लखनऊ के गोमती नगर स्थित फन मॉल के पास से गिरफ्तार किया. दोनों जलसाजों ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मुख्यालय लखनऊ के सर्वर को हैक करके 146 करोड़ का फंड ट्रांसफर कर लिया था. फ्रॉड (Two arrested for Fraud with Cooperative Bank in Lucknow) के बाद से दोनों फरार चल रहे थे. इनके सहयोगी दो लोगों सहित पांच व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.
एसटीएफ के अनुसार पकड़े गए जालसाजों ने अपने साथियों की मदद से उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मुख्यालय लखनऊ में जालसाजी करने का प्लान बनाया. इन्होंने 18 महीने में लगभग एक करोड़ रुपये खर्च कर किए थे. इस काम के लिए तीन हैकर, 6 डिवाइस, तीन सॉफ्टवेयर तथा तीन बैंक अधिकारियों की मदद से उत्तर प्रदेश को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मुख्यालय लखनऊ के सर्वर को हैक कर प्रबंधक और कैशियर के लॉगिन आईडी पासवर्ड प्राप्त एक सिस्टम को रिमोट एक्सेस पर लेकर एनएडी अनुभाग में खुले 7 खातों से आठ लेनदेन के माध्यम से 146 करोड़ रुपये के आरटीजीएस करके ठगी की थी.
पकड़े गए आरोपी अमरेंद्र कुमार सिंह और सुनील कुमार यादव रियल एस्टेट में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. इसके साथ ही ठेकेदारी भी करते थे. बाद में हैकर से मुलाकात होने पर इन लोगों ने बैंक में ठगी करने की योजना बनाई.
अमरेंद्र और सुनील यादव थे मास्टरमाइंड: 146 करोड़ रुपये की हेरा फेरी की एसटीएफ ने जांच की. इसमें सामने आया है कि अमरेंद्र सिंह उर्फ बबलू तथा सुनील यादव ही मास्टरमाइंड थे. इन लोगों ने ही जालसाजी करने के लिए हैकरों और रुपयों की व्यवस्था की थी. दोनों जालसाज एक साथ पढ़ाई करने के बाद ठेकेदारी तथा प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगे. इसी दौरान उनकी मुलाकात हैकर से हुई. हैकर से मुलाकात के बाद ही दोनों जालसाजों ने ठगी की पूरी योजना बनाई. फूल प्रूफ व्यवस्था होने के बावजूद भी एसटीएफ ने दोनों को लखनऊ के गोमती नगर स्थित फन मॉल के पास धर दबोचा. (Crime News UP)
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