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Crime News : नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ऐंठते थे चार लाख, कॉल सेंटर में बुलाकर करते थे फर्जी इंटरव्यू - एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह

यूपी एसटीएफ ने एक गिरोह के चार शातिरों को गिरफ्तार कर फर्जी काॅल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी बेरोजगार युवाओं को अपने झांसे में फंसाकर चार लाख रुपये ऐंठते थे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 10:46 AM IST

लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने राजधानी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के लोग बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर मोटी रकम ऐंठते थे, इसके लिए आरोपियों ने इंदिरानगर में बकायदा एक कॉल सेंटर भी बना रखा था, जहां आरोपी बैठकर बेरोजगारों को बुलाते और फिर फर्जी तरीके से इंटरव्यू तक अरेंज कराते थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मिर्जापुर निवासी राजन श्रीवास्तव, गोरखपुर बनगांव निवासी राकेश शर्मा, प्रतापगढ़ के आचीतपुर के सुरेंद्र प्रताप सिंह और हरदोई बिलग्राम के सुमेंद्र तिवारी शामिल हैं.

20 हजार से 4 लाख तक की फीस : एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, टीम ने मुखबिर की सूचना पर मंगलवार सुबह तीन वर्षों से फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी नोएडा में नौकरी करने के दौरान मिले थे, जिसके बाद पिछले तीन वर्षों से नकली फर्जी पते के आधार पर प्री एक्टिवेटेड मोबाइल सिम कार्ड भारी मात्रा में खरीदते थे. फिर पढ़े लिखे लोगों को रोजगार से जुड़ी वेबसाइट से डाटा लेकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे लेते थे. ये लोग ज्वाइनिंग लेटर के नाम पर बीस हजार से 4 लाख रुपये तक की रकम ले लेते थे.'

सेक्टर-19 में बनाया था ठिकाना : एसटीएफ के मुताबिक, मूलरूप से मीरजापुर के बिसंदपुर निवासी राजन श्रीवास्तव ने इन्दिरानगर सेक्टर 19 स्थित ओम प्लाजा के फ्लैट नंबर 305 में पिछले करीब तीन साल से फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था, यहां पर राकेश शर्मा, सुरेंद्र प्रताप सिंह और सुमेंद्र तिवारी इस फर्जी कॉल सेंटर को ऑपरेट करते थे. इनका काम जरूरतमंद लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर बातों में फंसाकर पैसे की उगाही करना था. एसटीएफ ने इनके पास से तीन लैपटॉप, 70 मोबाइल फोन, 97 सिम कार्ड, 42 बेरोजगारों का सीवी, 9 एटीएम कार्ड और एक एटीएम स्वैपिंग मशीन बरामद किया है.

यह भी पढ़ें : सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले बंटी-बबली गिरफ्तार, बेरोजगारों को बताते थे मंत्री का सचिव

यह भी पढ़ें : केस की पैरवी के लिए नहीं थे रुपये तो बेरोजगारों को बनाने लगा शिकार, सीएम का ओएसडी बनकर ठगे लाखों

लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने राजधानी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के लोग बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर मोटी रकम ऐंठते थे, इसके लिए आरोपियों ने इंदिरानगर में बकायदा एक कॉल सेंटर भी बना रखा था, जहां आरोपी बैठकर बेरोजगारों को बुलाते और फिर फर्जी तरीके से इंटरव्यू तक अरेंज कराते थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मिर्जापुर निवासी राजन श्रीवास्तव, गोरखपुर बनगांव निवासी राकेश शर्मा, प्रतापगढ़ के आचीतपुर के सुरेंद्र प्रताप सिंह और हरदोई बिलग्राम के सुमेंद्र तिवारी शामिल हैं.

20 हजार से 4 लाख तक की फीस : एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, टीम ने मुखबिर की सूचना पर मंगलवार सुबह तीन वर्षों से फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी नोएडा में नौकरी करने के दौरान मिले थे, जिसके बाद पिछले तीन वर्षों से नकली फर्जी पते के आधार पर प्री एक्टिवेटेड मोबाइल सिम कार्ड भारी मात्रा में खरीदते थे. फिर पढ़े लिखे लोगों को रोजगार से जुड़ी वेबसाइट से डाटा लेकर नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे लेते थे. ये लोग ज्वाइनिंग लेटर के नाम पर बीस हजार से 4 लाख रुपये तक की रकम ले लेते थे.'

सेक्टर-19 में बनाया था ठिकाना : एसटीएफ के मुताबिक, मूलरूप से मीरजापुर के बिसंदपुर निवासी राजन श्रीवास्तव ने इन्दिरानगर सेक्टर 19 स्थित ओम प्लाजा के फ्लैट नंबर 305 में पिछले करीब तीन साल से फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था, यहां पर राकेश शर्मा, सुरेंद्र प्रताप सिंह और सुमेंद्र तिवारी इस फर्जी कॉल सेंटर को ऑपरेट करते थे. इनका काम जरूरतमंद लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर बातों में फंसाकर पैसे की उगाही करना था. एसटीएफ ने इनके पास से तीन लैपटॉप, 70 मोबाइल फोन, 97 सिम कार्ड, 42 बेरोजगारों का सीवी, 9 एटीएम कार्ड और एक एटीएम स्वैपिंग मशीन बरामद किया है.

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