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एनपीएस घोटाले में शामिल दोनों कर्मचारियों को विभाग ने किया निलंबित, जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित - लखनऊ न्यूज

लखनऊ में एनपीएस घोटाले ( UP NPS Scam) में दो कर्मियों पर कार्रवाई की गई है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने दोनों कर्मचारियों से जवाब मांगा था. कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे इन पर और भी कार्रवाई की जा सकती है.

UP NPS Scam
UP NPS Scam
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 10:24 PM IST

लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 287 शिक्षकों व कर्मचारियों के नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की रकम को बिना अनुमति के निजी बैंक में निवेश करने के आरोप में शामिल दोनों लिपिक को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है. इस पूरे मामले पर संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर जांच के आदेश दिए हैं.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने मांगा था जवाब : ज्ञात हो कि शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक की आईडी से करीब 8 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ. माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और विभाग से जुड़े कर्मचारियों की बिना अनुमति लिए नेशनल पेंशन स्कीम की रकम को निजी बैंक में निवेश किया गया था. जानकारी मिलने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार पांडेय ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही वरिष्ठ सहायक सर्वेश निगम और कनिष्ठ सहायक आशीष कुमार से 24 घंटे में जवाब मांगा था. उनके जवाब मिलने के बाद विभाग में निलंबित कर दिया है.

कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी.
कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी.

एक महीने में रिपोर्ट देगी जांच कमेटी : शनिवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है. इसमें मंडल के उप शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक और वित्त एवं लेखा अधिकारी को सदस्य के रूप में नामित किया गया है. यह कमेटी एनपीएस के शुरुआत से नियमानुसार कटौती और नियमित निवेश की कार्रवाई का सुसंगत शासनादेश के तहत जांच करेगी. कमेटी को इस पूरे मामले में अगले एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी.

निवेश के लिए लेनी होती है अनुमति : नई पेंशन प्रणाली के तहत शिक्षा विभाग में 1 अप्रैल 2005 के बाद से नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन को ऊटी एसबीआई और एलआईसी में निवेश करने का प्रावधान है. इसके अलावा अन्य बैंकों में निवेश करने पर संबंधित शिक्षक व कर्मचारियों से सहमति लेते हुए नोडल अधिकारी से भी अनुमति लेनी होती है. पेंशन निदेशालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इस पूरे प्रकरण की सूचना देते हुए बताया था कि लखनऊ जनपद में 287 शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन की धनराशि को निजी बैंक एचडीएफसी में निवेश किया गया है. अप्रैल, मई व जून 2022 में कर्मचारियों की एनपीएस की धनराशि जमा की गई है. इस संबंध में शिक्षकों और कर्मचारियों से किसी भी तरह की कोई सहमति पत्र नहीं लिया गया है, न ही विभाग से संबंधित अधिकारी की अनुमति ली गई है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में भी सामने आया एनपीएस घोटाला, शिक्षा विभाग के दो बाबुओं से 24 घंटे में मांगा गया जवाब

लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 287 शिक्षकों व कर्मचारियों के नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की रकम को बिना अनुमति के निजी बैंक में निवेश करने के आरोप में शामिल दोनों लिपिक को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है. इस पूरे मामले पर संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर जांच के आदेश दिए हैं.

जिला विद्यालय निरीक्षक ने मांगा था जवाब : ज्ञात हो कि शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक की आईडी से करीब 8 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ. माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और विभाग से जुड़े कर्मचारियों की बिना अनुमति लिए नेशनल पेंशन स्कीम की रकम को निजी बैंक में निवेश किया गया था. जानकारी मिलने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार पांडेय ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही वरिष्ठ सहायक सर्वेश निगम और कनिष्ठ सहायक आशीष कुमार से 24 घंटे में जवाब मांगा था. उनके जवाब मिलने के बाद विभाग में निलंबित कर दिया है.

कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी.
कमेटी एक महीने में रिपोर्ट देगी.

एक महीने में रिपोर्ट देगी जांच कमेटी : शनिवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है. इसमें मंडल के उप शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक और वित्त एवं लेखा अधिकारी को सदस्य के रूप में नामित किया गया है. यह कमेटी एनपीएस के शुरुआत से नियमानुसार कटौती और नियमित निवेश की कार्रवाई का सुसंगत शासनादेश के तहत जांच करेगी. कमेटी को इस पूरे मामले में अगले एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी.

निवेश के लिए लेनी होती है अनुमति : नई पेंशन प्रणाली के तहत शिक्षा विभाग में 1 अप्रैल 2005 के बाद से नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन को ऊटी एसबीआई और एलआईसी में निवेश करने का प्रावधान है. इसके अलावा अन्य बैंकों में निवेश करने पर संबंधित शिक्षक व कर्मचारियों से सहमति लेते हुए नोडल अधिकारी से भी अनुमति लेनी होती है. पेंशन निदेशालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इस पूरे प्रकरण की सूचना देते हुए बताया था कि लखनऊ जनपद में 287 शिक्षकों और कर्मचारियों की पेंशन की धनराशि को निजी बैंक एचडीएफसी में निवेश किया गया है. अप्रैल, मई व जून 2022 में कर्मचारियों की एनपीएस की धनराशि जमा की गई है. इस संबंध में शिक्षकों और कर्मचारियों से किसी भी तरह की कोई सहमति पत्र नहीं लिया गया है, न ही विभाग से संबंधित अधिकारी की अनुमति ली गई है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में भी सामने आया एनपीएस घोटाला, शिक्षा विभाग के दो बाबुओं से 24 घंटे में मांगा गया जवाब

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