लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक कफील खान एक बार फिर विवादों में हैं. डॉ. कफील पर योगी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप (Dr Kafeel conspiring against Yogi government) लगा है. रविवार को राजधानी के कृष्णानगर थाने में डॉ. कफील और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR against Dr Kafeel in Lucknow) हुई है.
आरोप है कि डॉ. कफील व उनके साथी विशेष समुदाय में अपनी लिखी हुई किताब बंटवा कर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और दंगा फैलाने की कोशिश कर रहे है. कृष्णानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने वाले एलडीए कालोनी सेक्टर ई-निवासी मनीष शुक्ला के मुताबिक, शुक्रवार को वह किसी काम से माताजी की बगिया गए थे. वहां गुमटी के पीछे चार-पांच लोग बातचीत कर रहे थे. वे सभी राज्य सरकार, उनके मंत्रियों व वरिष्ठ अफसरों को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.
वे सभी कह रहे थे कि डॉ. कफील ने गुप्त रूप से एक किताब छपवाई है. उसे प्रदेश भर में बांटा जा रहा है. मनीष शुक्ला के मुताबिक, वे सभी कफील की किताब "गोरखपुर अस्पताल त्रासदी अस्पताल से जेल तक को" आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विशेष समुदाय के हर शख्स तक पहुंचाने की बात कर रहे थे. वे सभी यह भी कह रहे थे कि किसी भी कीमत पर सरकार को उखाड़ फेंकना है. चाहे इसके लिए दंगा ही क्यों न करवाना पड़े.
डॉ. कफील के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज (Accusation of conspiring against Yogi government) होने के मामले में कृष्णा नगर पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता मनीष शुक्ला की शिकायत पर डॉ. कफील समेत पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया.
डॉ कफील खान पर लगा था रेप का आरोप: डॉ. कफील खान का नाम सुर्खियों में आने के बाद उनके खिलाफ 2015 में रेप के आरोप भी लगा था. इस मामले में केस भी दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद अपनी फाइनल रिपोर्ट में आरोप को झूठा बताकर इस केस खारिज कर दिया था.
आक्सीजन कांड की वजह सुर्खियों में आये: डॉ. कफील गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन कांड की वजह सुर्खियों में आये थे. उन पर गोरखपुर सहित कई जिलों में आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. गोरखपुर के राजघाट थाने में डॉ. कफील की हिस्ट्रीशीट है. राजघाट के बसंतपुर इलाके के रहने वाले डॉ. कफील के गोरखपुर में रहने पर पुलिस उन पर नजर रखती है. बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी के बीच बच्चों की मौत का मामला चर्चा में आया था. इसमें दूसरी डॉक्टरों के साथ डॉ. कफील खान अभियुक्त बनाये गये थे. इस मामले में डॉ कफील खान चर्चा में आए थे.
बहराइच जिला अस्पताल में किया था हंगामा: जेल से जमानत पर छूटने के बाद बहराइच में भी डॉ. कफील के खिलाफ केस हुआ था. बहराइच जिला अस्पताल पहुंचकर वहां बच्चों की मौत पर सवाल उठाते हुए डॉक्टरों को इलाज के बारे में बताने लगे. जब कुछ डॉक्टरों ने उनका विरोध किया, तो डॉ. कफील के साथ पहुंचे लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया था. पुलिस ने उस वक्त डॉ. कफील खान को हिरासत में ले लिया था. वहां उनके खिलाफ शांतिभंग करने के मामले में कार्रवाई की गई थी. इसमें उनको जमानत मिल गई थी. बाद में सरकारी काम में बाधा सहित दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
जालसाजी का केस भी दर्ज हुआ था: बहराइच पुलिस जब गिरफ्तार करने गोरखपुर पहुंची, तो पता चला कि कैंट पुलिस ने 23 सितम्बर 2018 को डॉ कफील खान को धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तार किया था. इसमें डा. कफील के भाई अदील के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज हुआ था. इस केस की जांच में साजिशकर्ता के रूप में डॉ. कफील का भी नाम आया था. वहां जमानत पर छूटने के बाद डॉक्टर कफील अलीगढ़ वाले मुकदमा में फंस गये. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में 12 दिसंबर 2019 को CAA के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया था.
इस दौरान डॉ कफील खान पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. उसमें गिरफ्तारी के बाद एनएसए के तहत भी कार्रवाई हुई थी. बाद में अदालत ने एनएसए निरस्त करके रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद से डॉ कफील अधिकतर केरल में रहे. अब लखनऊ में FIR दर्ज होने के बाद डॉ कफील खान एक बार फिर चर्चा में हैं.
ये भी पढ़ें- कारोबारी का अपहरण: दारोगा और सिपाही गिरफ्तार, हसनगंज थाना प्रभारी सस्पेंड
Watch Video: देशी छोरे संग नीदरलैंड की गोरी मैम ने लिए सात फेरे, दो साल से लिव इन रिलेशनशिप में थे