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दलित छात्र को झूठे मुकदमे में फंसा Suicide के लिए विवश करने के आरोप में तीन गिरफ्तार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 10:19 AM IST

लखनऊ में झूठे मुकदमे में फंसाकर Suicide के लिए विवश करने के आरोप में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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लखनऊः रहीमाबाद थाना (Rahimabad police station) क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत गहदो निवासी दलित छात्र आशीष कुमार ने कुछ माह पहले खुदकुशी कर ली थी. मरने से पूर्व उसने सुसाइड नोट (Suicide note) में उपनिरीक्षक राजमणि पाल, लल्लन पाल, सिपाही मोहित शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि नंदू विश्वकर्मा व दो अन्य पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने उपनिरीक्षकों सहित एक पुलिस कर्मी को लाइन हाजिर कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने रविवार को नंदू विश्वकर्मा सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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रहीमाबाद थाने से जुड़ा है मामला.

पुलिस के मुताबिक बख्तौरीपुर निवासी नंदू विश्वकर्मा, श्याम किशोर और अरविंद कुमार को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने 28 सितंबर 2022 को आशीष कुमार रावत और उसके भाई मनीष के खिलाफ मलिहाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे के कारण आशीष काफी परेशान था. 11 जून को उसने गहदो स्थित आवास पर खुदकुशी की थी. आशीष ने सुसाइड नोट में आरोपियों के साथ दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित शर्मा पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया था.

श्याम किशोर ने आशीष और उसके भाई मयंक के खिलाफ मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी विवेचना राजमणि पाल कर रहे थे. आशीष की मां सुशीला ने आरोप लगाया था कि राजमणि पाल ने मुकदमे में धारा कम करने के लिए रिश्वत मांगी थी. पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों के आधार पर राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित को लाइन हाजिर किया गया था.

डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने बताया कि सिविल सेवा की तैयारी कर रहे दलित छात्र आशीष कुमार रावत (22) को झूठे मुकदमे में फंसा कर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले तीन आरोपियों को रहीमाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रहीमाबाद कोतवाली में तैनात दो दरोगा और सिपाही के साथ मिल कर साजिश रची थी इस घटना में दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिए गए हैं. उन्होंने यह कार्रवाई की थी.


डीसीपी ने बताया कि छात्र के सुसाइड नोट की सत्यता जांचने के लिए हैंण्ड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई गई जिसकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि सुसाइड नोट आशीष ने ही लिखा था. विवेचना अभी जारी है. पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों से जुड़े साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

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ये भी पढ़ेंः Watch Video: भाजपा पार्षद रामू दास कनौजिया के कार्यालय में हमले की तैयारी, पुलिस ने 4 युवकों को हिरासत में लिया

लखनऊः रहीमाबाद थाना (Rahimabad police station) क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत गहदो निवासी दलित छात्र आशीष कुमार ने कुछ माह पहले खुदकुशी कर ली थी. मरने से पूर्व उसने सुसाइड नोट (Suicide note) में उपनिरीक्षक राजमणि पाल, लल्लन पाल, सिपाही मोहित शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि नंदू विश्वकर्मा व दो अन्य पर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने उपनिरीक्षकों सहित एक पुलिस कर्मी को लाइन हाजिर कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने रविवार को नंदू विश्वकर्मा सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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रहीमाबाद थाने से जुड़ा है मामला.

पुलिस के मुताबिक बख्तौरीपुर निवासी नंदू विश्वकर्मा, श्याम किशोर और अरविंद कुमार को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने 28 सितंबर 2022 को आशीष कुमार रावत और उसके भाई मनीष के खिलाफ मलिहाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे के कारण आशीष काफी परेशान था. 11 जून को उसने गहदो स्थित आवास पर खुदकुशी की थी. आशीष ने सुसाइड नोट में आरोपियों के साथ दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित शर्मा पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया था.

श्याम किशोर ने आशीष और उसके भाई मयंक के खिलाफ मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी विवेचना राजमणि पाल कर रहे थे. आशीष की मां सुशीला ने आरोप लगाया था कि राजमणि पाल ने मुकदमे में धारा कम करने के लिए रिश्वत मांगी थी. पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों के आधार पर राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित को लाइन हाजिर किया गया था.

डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने बताया कि सिविल सेवा की तैयारी कर रहे दलित छात्र आशीष कुमार रावत (22) को झूठे मुकदमे में फंसा कर आत्महत्या के लिए विवश करने वाले तीन आरोपियों को रहीमाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रहीमाबाद कोतवाली में तैनात दो दरोगा और सिपाही के साथ मिल कर साजिश रची थी इस घटना में दरोगा राजमणि पाल, लल्लन पाल और सिपाही मोहित पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिए गए हैं. उन्होंने यह कार्रवाई की थी.


डीसीपी ने बताया कि छात्र के सुसाइड नोट की सत्यता जांचने के लिए हैंण्ड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई गई जिसकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि सुसाइड नोट आशीष ने ही लिखा था. विवेचना अभी जारी है. पुलिस कर्मियों पर लगे आरोपों से जुड़े साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.

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