लखनऊ: राजधानी के रहने वाले राहुल शर्मा (बदला हुआ नाम) अपनी कम हाइट को लेकर काफी अवसाद में थे. इसी दौरान सोशल मीडिया पर कद बढ़ाने का एक विज्ञापन देखा तो उन्हे कुछ उम्मीद की किरण दिखी. राहुल ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल की. बस उनकी यही एक गलती उन पर भारी पड़ गई और वो साइबर जालसाजों के झांसे में फंस गए. साइबर अपराधियों ने उनसे 37 हजार रुपये ठग लिए. हालांकि, महज 10 दिनों में साइबर सेल ने उनके ठगे हुए पैसे वापस दिलवा दिए.
साइबर सेल प्रभारी सतीश चन्द्र साहू ने बताया कि राहुल शर्मा (बदला हुआ नाम) ने 6 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा था. उसमें कद बढ़ाने की गारंटी दी गई थी. राहुल ने विज्ञापन में लिखे नंबर पर कॉल की तो उनसे कद बढ़ाने से संबंधी कई तरह की बातें की गईं. राहुल को कॉल उठाने वाले शख्स ने बताया कि वो एक एप्लिकेशन डाउनलोड करें, जिसमें वो कद बढ़ाने की थैरिपी, दवा और तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे. राहुल अपने कद को लेकर काफी परेशान थे, ऐसे में बताए गए एनी डेस्क नाम की एप्लीकेशन डाउनलोड कर ली.
पीड़ित के मुताबिक, एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद उसने कॉलर के द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन किया और कुछ देर बाद उसके बैंक अकाउंट से 37 हजार रुपये निकल गए. राहुल को अब तक यह एहसास हो चुका था कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. उन्होंने तत्काल साइबर हेल्प लाइन 1930 पर कॉल कर साइबर फ्रॉड की जानकारी दी और हजरतगंज स्थिति साइबर सेल में शिकायती पत्र दिया.
राहुल की शिकायत मिलते ही सेल प्रभारी सतीश चन्द्र साहू ने कार्रवाई शुरू करते हुए राहुल के पैसे जिस अकाउंट में ट्रांसफर हुए उसे ट्रेस किया और फिर बैंक अधिकारियों से बात कर उस अकाउंट को फ्रीज करवा दिया. दस दिन बाद साइबर सेल ने राहुल से कद बढ़ाने को लेकर ठगे गए 37 हजार रुपये वापस दिलवा दिए. इतना ही नहीं सतीश चन्द्र साहू ने राहुल को यह जानकारी भी दी कि कभी भी किसी अजनबी के कहने पर कोई भी एप्लीकेशन खासकर एनी डेस्क, टीम व्यूअर जैसी एप्लीकेशन डाउनलोड न करें.
यह भी पढ़ें: अमेरिका के नेवी अफसर को फर्जी गाइड ने घुमाया था ताजमहल, मुकदमा दर्ज