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राजधानी के अस्पतालों में फिर बढ़ने लगी भीड़, ध्वस्त हुए कोविड के मानक

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Published : Jul 18, 2021, 9:25 PM IST

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सिविल हॉस्पिटल और चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ एक बार फिर बढ़ रही है. इन्हें नियंत्रित करने के लिए स्टाफ और गार्ड तो तैनात हैं, लेकिन शारीरिक दूरी (social distancing) के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड दिशा-निर्देशों का उल्लंघन .
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कोविड दिशा-निर्देशों का उल्लंघन .

लखनऊ: चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड-19 की तीसरी लहर आने के संकेत दे दिए हैं. अब राजधानी में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे में एक बार फिर अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में भीड़ का दबाव बढ़ने लगा है, जिससे कोविड के मानक ध्वस्त हो गए हैं. दवा लेने से लेकर पर्चा बनवाने और डाक्टरों से परामर्श के लिए लंबी कतार लग रही है. सबसे खराब हालत लोहिया संस्थान की है, जहां ओपीडी शुरू होने से 2 घंटे पहले ही पर्चा बनवाने के काउंटर पर लंबी कतार लग जाती है जो ओपीडी समाप्त होने के बाद भी नहीं खत्म होती है.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सिविल हॉस्पिटल और चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. इन्हें नियंत्रित करने के लिए स्टाफ और गार्ड तो तैनात हैं, लेकिन शारीरिक दूरी (social distancing) के नियम का कहीं पालन नहीं हो रहा है. अधिकांश काउंटरों पर धक्का-मुक्की के बीच मरीज अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने स्थिति पर चिंता जताई है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की जारी गाइडलाइन का गंभीरता पूर्वक पालन नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट के बाद मिलेगी यूपी में एंट्री, रखें ध्यान

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भीड़ के दबाव में पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. खास तौर पर इमरजेंसी में कई गार्डों की तैनाती के बावजूद एक-एक मरीज के साथ चार से 8 तीमारदार वार्ड में दस्तक दे रहे हैं. शुक्रवार को इमरजेंसी में भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की करनी पड़ रही थी. ओपीडी में पर्चा बनवाने के लिए लगी कतार के दौरान कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है. डॉक्टर से परामर्श के लिए बाहर खड़े लोग, मरीज से शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं कर रहे हैं. जगह-जगह मरीजों के तीमारदार लेटे हुए दिखाई दिए.

इसे भी पढ़ें-राज्यों को अब तक 41.99 करोड़ से अधिक कोविड रोधी टीके उपलब्ध कराए गए : केंद्र

राजधानी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सीएचसी स्तर से ही निगरानी टीमें गठित कर दी हैं. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि गठित टीम में अपने क्षेत्र में क्रियाशील सेक्टर स्कीम वाली टीमों का नेतृत्व एवं समन्वय स्थापित कर काम करेंगी. ये टीमें संवेदनशील क्षेत्रों और अस्पतालों का भ्रमण कर पर्यवेक्षण करेंगे. इसके लिए पूरे जिले को 24 सेक्टरों में बांटा गया है. प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर मेडिकल ऑफिसर तैनात किए गए हैं. संबंधित अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को भी सूचना दे दी गई है.

लखनऊ: चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड-19 की तीसरी लहर आने के संकेत दे दिए हैं. अब राजधानी में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे में एक बार फिर अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में भीड़ का दबाव बढ़ने लगा है, जिससे कोविड के मानक ध्वस्त हो गए हैं. दवा लेने से लेकर पर्चा बनवाने और डाक्टरों से परामर्श के लिए लंबी कतार लग रही है. सबसे खराब हालत लोहिया संस्थान की है, जहां ओपीडी शुरू होने से 2 घंटे पहले ही पर्चा बनवाने के काउंटर पर लंबी कतार लग जाती है जो ओपीडी समाप्त होने के बाद भी नहीं खत्म होती है.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सिविल हॉस्पिटल और चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. इन्हें नियंत्रित करने के लिए स्टाफ और गार्ड तो तैनात हैं, लेकिन शारीरिक दूरी (social distancing) के नियम का कहीं पालन नहीं हो रहा है. अधिकांश काउंटरों पर धक्का-मुक्की के बीच मरीज अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने स्थिति पर चिंता जताई है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की जारी गाइडलाइन का गंभीरता पूर्वक पालन नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

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डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भीड़ के दबाव में पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. खास तौर पर इमरजेंसी में कई गार्डों की तैनाती के बावजूद एक-एक मरीज के साथ चार से 8 तीमारदार वार्ड में दस्तक दे रहे हैं. शुक्रवार को इमरजेंसी में भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की करनी पड़ रही थी. ओपीडी में पर्चा बनवाने के लिए लगी कतार के दौरान कोरोना नियमों का पालन नहीं हो रहा है. डॉक्टर से परामर्श के लिए बाहर खड़े लोग, मरीज से शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं कर रहे हैं. जगह-जगह मरीजों के तीमारदार लेटे हुए दिखाई दिए.

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राजधानी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सीएचसी स्तर से ही निगरानी टीमें गठित कर दी हैं. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि गठित टीम में अपने क्षेत्र में क्रियाशील सेक्टर स्कीम वाली टीमों का नेतृत्व एवं समन्वय स्थापित कर काम करेंगी. ये टीमें संवेदनशील क्षेत्रों और अस्पतालों का भ्रमण कर पर्यवेक्षण करेंगे. इसके लिए पूरे जिले को 24 सेक्टरों में बांटा गया है. प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर मेडिकल ऑफिसर तैनात किए गए हैं. संबंधित अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को भी सूचना दे दी गई है.

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