लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं रिकवरी रेट बढ़कर 98.1 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बनाए गए कोविड-19 अस्पतालों की संख्या में कमी की गई है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में रिजर्व किए गए कोविड-19 अस्पतालों को सामान्य अस्पतालों में बदला गया है.
बेड की संख्या को किया गया सीमित
राजधानी लखनऊ में स्थित लोक बंधु अस्पताल, लोहिया संस्थान का मातृ शिशु रेफरल अस्पताल को पूरी तरह से कोविड-19 अस्पताल से सामान्य अस्पताल में बदल दिया गया है. हालांकि राजधानी लखनऊ में केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया व पीजीआई में अभी भी कोविड-19 बेड हैं, मगर यहां पर भी बेड की संख्या को सीमित कर दिया गया है.
प्रदेश में चल रहा वैक्सीनेशन
एक ओर कोविड-19 संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं दूसरी ओर संक्रमण से निजात दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों व फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है. आगामी दिनों में इन फ्रंट लाइन वर्कर व स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जाएगी. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली डोज लगाई जा चुकी है. मार्च में 50 वर्ष से अधिक के सामान्य लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया प्लान
उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर कोविड-19 अस्पतालों को सामान्य अस्पतालों में बदला गया है. ऐसे में अगर संक्रमण की संख्या बढ़ती है और आपातकाल जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो इसको लेकर भी स्वास्थ विभाग ने एक प्लान तैयार किया है. इस प्लान के तहत प्रत्येक जिले में 20 बेड का एक कोविड-19 वार्ड रिजर्व रखा जाएगा. अगर जिले में मरीजों की संख्या बढ़ती है तो तत्काल प्रभाव से बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी.
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इसको लेकर बड़ी संख्या में अस्पतालों को कम किया गया है. आवश्यकता पड़ेगी तो तत्काल प्रभाव से कोविड-19 अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाएगी. फिलहाल प्रत्येक जिले में 20बेड का एक कोविड-19 अस्पताल रिजर्व रखा जाएगा.
-देवेंद्र सिंह नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक