लखनऊ: राजधानी स्थित सिल्वर जुबली बाल महिला चिकित्सालय में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है. अस्पताल में लगातार दो दिन से कई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. आरोप है कि इसके बावजूद अस्पताल में सैनिटाइजेशन नहीं हुआ और न ही अस्पताल को बंद किया गया.
आरोप है कि सिल्वर जुबली बाल महिला चिकित्सालय में अब तक 6 हेल्थ वर्कर्स में कोरोनावायरस की पुष्टि हो चुकी है. इनमें 2 स्टाफ नर्स, एक वार्ड ब्वॉय, दो सफाई कर्मी और 1 वार्ड आया शामिल हैं. बुधवार को भी अस्पताल के 3 हेल्थ वर्कर्स में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भी अस्पताल को बंद नहीं किया गया और न ही सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई गई. यहां तक कि अस्पताल में लोगों का आना-जाना जारी था.
कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार अस्पताल में किसी भी व्यक्ति में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मरीजों को अलग वार्ड में शिफ्ट कर सैनिटाइजेशन किया जाना चाहिए. सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया अपनाकर 48 घंटे के लिए अस्पताल बंद रखना चाहिए. आरोप है कि अस्पताल में कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत सैनिटाइजेशन नहीं किया गया, जबकि यहां पर लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है.
लखनऊ के सीएमओ डॉक्टर आरपी सिंह के अनुसार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत अस्पताल को बंद करके सैनिटाइजेशन करना चाहिए था, जो कि नहीं किया गया है जबकि स्वास्थ्य कर्मचारियों के संक्रमित होने की सूचना मिलने के बाद तत्काल इसके निर्देश दिए गए थे. इसी वजह से अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को हटाने की संस्तुति कर रहे हैं और अस्पताल को बंद करके सैनिटाइजेशन का निर्देश भी दिया गया है.
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हालांकि इस पूरे मामले पर सिल्वर जुबली बाल महिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रियंका यादव का तर्क है कि उन्होंने नियमानुसार सैनिटाइजेशन करवाया था. उनका कहना है कि मरीजों की वजह से अस्पताल को बंद नहीं किया गया.