लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जनहित याचिका पर बार-बार समय दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से जवाब न दाखिल करने पर अपर मुख्य सचिव, राजस्व को तलब कर लिया. आदेश पर हाजिर हुए अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि आगे से कोर्ट के मामलों में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. इस पर न्यायालय ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि न सिर्फ राजस्व विभाग बल्कि राज्य सरकार के सभी विभाग अपर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए आश्वासन का पालन करेंगे.
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. दरअसल गुरुवार 6 जुलाई को मामले की सुनवाई प्रारम्भ होते ही याची ने कोर्ट को बताया कि बार-बार आदेश देने के बावजूद सरकार की ओर से जवाब नहीं दाखिल किया गया है. इस पर कोर्ट ने पत्रावली को देखने पर पाया कि 24 अगस्त 2022 को मामले में चार सप्ताह के अंदर सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद भी कई बार उसी आदेश को दोहराया गया.
5 मई 2023 को पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सरकार को अंतिम मौका देते हुए कहा कि सरकार चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करे, बावजूद इसके गुरुवार को भी कोर्ट ने पाया कि आदेश के अनुपालन में जवाब नहीं दाखिल किया गया है. इस पर न्यायालय ने संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव को तत्काल हाजिर होने का आदेश दिया. आदेश के अनुपालन में अपर मुख्य सचिव राजस्व कोर्ट में हाजिर हुए और गलती मानते हुए कहा कि आगे से किसी मामले में ऐसी शिथिलता नहीं बरती जाएगी. बाद में मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने वर्तमान मामले में जवाब दाखिल करने का समय मांगा. इस पर कोर्ट ने समय प्रदान करते हुए कहा कि यदि इस बार जवाब नहीं दाखिल हुआ तो अदालत इसे बहुत ही विपरीत भाव से लेगी.
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