लखनऊ : कुकरैल नदी की जमीन पर बसे अकबरनगर प्रथम और द्वितीय पर एलडीए गुरुवार से कार्रवाई करने लिए सुबह से ही पहुंच जाएगा. एलडीए के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ दायर अपील को मंडलायुक्त कोर्ट के निरस्त करने के बाद जो पांच दिन की मियाद दी गई थी, वह बुधवार को पूरी हो गई. इस बीच अकबरनगर में रहने वाले लोगों ने अपना घर खाली करना शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण को बचाने के लिए कीर्तन भी किया. इस मामले में हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई बुधवार को टल गई है और गुरुवार को यह मामला एक बार फिर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.
बता दें, कुकरैल नदी को पुनर्जीवीकरण किया जा रहा है. इसके लिए एलडीए ने पहले भीकमपुर में कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ा था. यहां के 72 विस्थापितों को पीएम आवास और डूडा की आसरा यजना के तहत घर दिए गए हैं. इसके बाद अकबरनगर के 1169 अवैध निर्माण को चिन्हित किया था. इनमें से 101 कामर्शियल निर्माण भी शामिल हैं. एलडीए ने सभी को धवस्तीकरण की नोटिस जारी कर दी थी. कोर्ट की रोक की मियाद पूरी होने के बाद एलडीए गुरुवार सुबह से पूरा आमला लेकर पहुंच जाएगा.
लोगों ने की सामूहिक प्रार्थना : अकबरनगर के स्थानीय लोगों ने अपने घर और दुकान को बचाने के लिए कोर्ट के बाद भगवान की शरण में चले गए. लोगों ने अयोध्या रोड पर बने व्यावसायिक निर्माण के पास मंदिर में टेंट लगा कर घरों और दुकानों को बचाने के लिए सुंदरकांड का पाठ किया. वहीं, पूजा के दौरान भारी संख्या में लोग सड़क पर आ गए. इस कारण अयोध्या रोड पर जाम जैसे हालात बन गए. हालांकि पुलिसकर्मियों के समझाने के बाद सभी लोग वापस लौट गए.
सुबह से ही तैनात हो जाएंगे अफसर : अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर एलडीए के सभी अफसरों को मैदान में उतारा जाएगा. सभी जोनल अफसरों को समय पर पहुंचने की सख्त हिदायत दी गई है. इसके साथ ही मौके पर एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह और जिला प्रशासन सहित सिंचाई विभाग के अफसर भी रहेंगे.
महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने किया विरोध : ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के विरोध में बुधवार को महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ममता चौधरी ने अकबरनगर में पहुच कर विरोध किया. उन्होंने बताया कि एलडीए बिना विस्थापित किए लोगों के घरों को तोड़ने की योजना बना रहा है. ये नियम विरुद्ध होने के साथ ही मानवतावादी भी नहीं है. इसे लेकर एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी से बात हुई है. उन्होंने गुरुवार दोपहर 12 बजे वार्ता के लिए बुलाया है.
113 ने की अपील 60 और तैयार, आज सुनवाई : एलडीए की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ अब तक 113 लोग कोर्ट में अपील कर चुके हैं. इसके अलावा 60 और लोगों ने अपील करने की तैयारी कर ली है. इन सभी मामलों की गुरुवार को सुनवाई होनी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कोर्ट में उन्होंने सारे कागज जमा किए हैं जो उन्हें यहां का वासी साबित करते हैं.
विशेष पंजीकरण शिविर में पहुंचे लोग : इसके पहले अकबरनगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों को आवास व दुकानें आवंटित करने के लिए लगाए गए विशेष पंजीकरण शिविर में मंगलवार को कुछ लोग पहुंचे. इस दौरान 9 विस्थापितों ने प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण कराया, जबकि 12 लोगों ने डूडा की आसरा आवास योजना के लिए फार्म भरे.
विस्थापितों को आवंटित की जा रहीं आवास व दुकानें : अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि अकबरनगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों को आवास व दुकानें आवंटित की जा रही हैं. जिसके लिए पंजीकरण कराने में विस्थापितों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. इसके लिए अकबरनगर पुलिस चौकी के निकट ही विशेष पंजीकरण शिविर आयोजित किया जा रहा है. मंगलवार को कैम्प में पहुंचे लोगों ने योजना व पंजीकरण के सम्बंध में पूरी जानकारी प्राप्त की. इस दौरान 39 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के फार्म लिए. जिसमें से अकबरनगर प्रथम की सलमा बेगम, शब्बीर खान, शीलू शुक्ला, मुसाहिक आरिफ खान, पियूष शर्मा, विपुल चौहान, सायरा बानो, मो. एहतिशाम एवं मो. हसीब ने समस्त दस्तावेजों के साथ पांच हजार रुपये जमा कराके प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण कराया. इसके अलावा 12 विस्थापितों ने डूडा की आसरा आवास योजना के लिए पंजीकरण कराया.
अपर सचिव ने बताया कि अकबरनगर में लगे कैम्प में अब तक कुल 44 विस्थापितों ने प्रधानमंत्री आवास तथा 78 लोगों ने डूडा के आवास के लिए पंजीकरण कराया है. विस्थापितों को कई सहूलियतें दी जा रही हैं. इसमें एक तरफ प्रधानमंत्री आवास की पंजीकरण धनराशि 10 हजार रुपये से घटाकर पांच हजार रुपये कर दी गई है. दूसरी तरफ व्यावसायिक श्रेणी में 25 प्रतिशत के स्थान पर मात्र 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर ही दुकानों का कब्जा दिया जा रहा है. इसके अलावा जिनके परिवार बड़े हैं या फिर जो अधिक क्षेत्रफल के आवास लेना चाहते हैं तो वे प्राधिकरण की योजनाओं में रिक्त फ्लैटों को 15 प्रतिशत के अग्रिम भुगतान पर लेकर निवास कर सकते हैं. इन सभी श्रेणियों में शेष धनराशि 10 वर्षों की आसान किस्तों में जमा करने का विकल्प दिया गया है.
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