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संजय शेरपुरिया को कस्टडी में लेकर पूछताछ की मांग, कोर्ट दो मई को करेगी सुनवाई - संस्था बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी

संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे. शेरपुरिया पर व्यापारियों, नेताओं ओर बिल्डरों से ठगी करने के अलावा करीब 30 हजार बेरोजगार युवकों से ठगी का भी आरोप है.

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Published : May 1, 2023, 9:53 PM IST

लखनऊ : संस्था बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोपों में एसटीएफ़ द्वारा गिरफ़्तार किए गए संजय राय उर्फ़ संजय शेरपुरिया को पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिये जाने की मांग वाली अर्ज़ी विशेष सीजेएम की कोर्ट में दी गई है. कोर्ट ने अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख़ तय करते हुए सुनवाई के समय आरोपी को भी हाजिर करने का आदेश दिया है.

मामले के विवेचक ने आरोपी संजय शेरपुरिया को दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिये जाने की मांग वाली अर्ज़ी देकर कहा है कि आरोपी से पूछताछ के दौरान उसके संपर्कों के विषय में पूछताछ करना है, लोगों से धोखाधड़ी में उसके साथ शामिल अन्य अभियुक्तों के विषय में भी जानकारी करनी है, साथ ही महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए जाने हैं और आरोपी को बरामदगी के लिए विभिन्न जगहों पर ले जाना है. अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख़ तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि अर्ज़ी पर आरोपी की आपत्ति को सुना जाना आवश्यक है लिहाज़ा उसे रिमांड अर्ज़ी पर सुनवाई के समय कोर्ट में पेश किया जाए.


उल्लेखनीय है कि एसटीएफ़ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने विभूति खंड थाने में 25 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि अभिसूचना विभाग ने एसटीएफ़ को जानकारी दी कि आरोपी संजय प्रकाश राय पिछले कई वर्षों से अलग-अलग नाम से और अलग-अलग कंपनियों के ज़रिए लोगों से छल व धोखाधड़ी करके धन उगाही कर रहा है. बताया गया कि इस सूचना पर जब एसटीएफ़ ने जांच की तो पता चला कि आरोपी पहले कांडला एनर्जी एंड कैमिकल समेत कई कंपनियों का निदेशक रहा, लेकिन कंपनियों के बैंक डिफाल्टर हो जाने के बाद उसने अलग-अलग नाम से कई आईडी बनवाई और उससे कई अन्य कंपनियां बनाई हैं. बताया गया कि आरोपी का मुख्य कार्य लोगों को सरकार और बड़े अधिकारियों तक अपनी पहुंच दिखाकर, झांसे में लेकर धन उगाही करना है. आरोप लगाया गया कि आरोपी इसके अलावा मनी लांड्रिंग, हवाला और टैक्स चोरी जैसे काम भी करता है.


यह भी पढ़ें : अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद, गैंगस्टर एक्ट में हुई थी चार साल कैद की सजा

लखनऊ : संस्था बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोपों में एसटीएफ़ द्वारा गिरफ़्तार किए गए संजय राय उर्फ़ संजय शेरपुरिया को पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिये जाने की मांग वाली अर्ज़ी विशेष सीजेएम की कोर्ट में दी गई है. कोर्ट ने अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए 2 मई की तारीख़ तय करते हुए सुनवाई के समय आरोपी को भी हाजिर करने का आदेश दिया है.

मामले के विवेचक ने आरोपी संजय शेरपुरिया को दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिये जाने की मांग वाली अर्ज़ी देकर कहा है कि आरोपी से पूछताछ के दौरान उसके संपर्कों के विषय में पूछताछ करना है, लोगों से धोखाधड़ी में उसके साथ शामिल अन्य अभियुक्तों के विषय में भी जानकारी करनी है, साथ ही महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए जाने हैं और आरोपी को बरामदगी के लिए विभिन्न जगहों पर ले जाना है. अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख़ तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि अर्ज़ी पर आरोपी की आपत्ति को सुना जाना आवश्यक है लिहाज़ा उसे रिमांड अर्ज़ी पर सुनवाई के समय कोर्ट में पेश किया जाए.


उल्लेखनीय है कि एसटीएफ़ के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने विभूति खंड थाने में 25 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि अभिसूचना विभाग ने एसटीएफ़ को जानकारी दी कि आरोपी संजय प्रकाश राय पिछले कई वर्षों से अलग-अलग नाम से और अलग-अलग कंपनियों के ज़रिए लोगों से छल व धोखाधड़ी करके धन उगाही कर रहा है. बताया गया कि इस सूचना पर जब एसटीएफ़ ने जांच की तो पता चला कि आरोपी पहले कांडला एनर्जी एंड कैमिकल समेत कई कंपनियों का निदेशक रहा, लेकिन कंपनियों के बैंक डिफाल्टर हो जाने के बाद उसने अलग-अलग नाम से कई आईडी बनवाई और उससे कई अन्य कंपनियां बनाई हैं. बताया गया कि आरोपी का मुख्य कार्य लोगों को सरकार और बड़े अधिकारियों तक अपनी पहुंच दिखाकर, झांसे में लेकर धन उगाही करना है. आरोप लगाया गया कि आरोपी इसके अलावा मनी लांड्रिंग, हवाला और टैक्स चोरी जैसे काम भी करता है.


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