लखनऊः आदेश के बावजूद कई-कई महीनों तक पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट नहीं भेजी. जिसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने घोर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने ऐसी लापरवाही के लिए इंस्पेक्टर आशियाना को आगामी 31 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण भी तलब किया है.
अदालत ने उदाहरण के रूप में दस मामलों की लिस्ट भी इंस्पेक्टर आशियाना को भेजी है. जिनमें सबसे प्राचीन प्रार्थना पत्र 15 सिंतबर 2021 का है. इस प्रार्थना पत्र पर पिछले 5 महीने से कोर्ट रिपोर्ट तलब कर रही है. लेकिन थाने से कोई जवाब नहीं आ रहा है. कोर्ट ने नोटिस की एक प्रति अनुशासनात्क कार्रवाई के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ को भी भेजा है. जिसमें कहा गया है कि पिछले कई महीने से थाना आशियाना से आत्म समर्पण प्रार्थना पत्र, जमानत प्रार्थना पत्र और वाहन को रिलीज किए जाने से संबंधित प्रार्थना पत्रों पर अदालत द्वारा रिपोर्ट तलब की जा रही है. लेकिन थाने से किसी प्रकार की कोई आख्या नहीं आ रही है.
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कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार थानाध्यक्ष का काम बहुत ही आपत्तिजनक है और न्यायालय के आदेश की अवहेलना है. अदालत ने थानाध्यक्ष आशियाना को नोटिस जारी कर कहा है कि वह अदालत के सामने उपस्थित होकर स्पष्ट करें कि उनके द्वारा क्यों और किन परिस्थितियों में अदालत में मांगी गई आख्या नहीं भेजी जा रही है.