लखनऊ: न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लखनऊ के न्यायाधीश (Court District and Sessions Judge Lucknow) पवन कुमार राय ने दहेज-हत्या के एक मामले में अभियुक्त पति अरविंद शुक्ला, ससुर उमाशंकर शुक्ला व सास मनोरमा शुक्ला को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के उपरांत कोर्ट ने इन तीनों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही तीनों पर अलग 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने इस मामले में साक्ष्य छिपाने के लिए मृतका की ननद सिन्दुजा उर्फ टप्पू को भी दो साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने ननद पर भी 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव के मुताबिक वर्ष 2012 में सुमन त्रिपाठी ने अपनी बेटी रुबी की शादी अरविंद से की थी. शादी के बाद से पति अरविंद व उसके परिवार वाले दहेज के लिए उनकी बेटी को मारने-पीटने लगे. अरविंद उनसे खेत व मकान बेचकर मोटर साइकिल खरीदने व व्यापार शुरू करने के लिए पैसे की मांग कर रहा था, लेकिन वह पति की मृत्यु के बाद दहेज की पूर्ति करने में सक्षम नहीं थीं. कहा गया कि सुमन त्रिपाठी ने अपने दामाद व उसके परिवार वालों को कई बार समझाने का प्रयास किया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए इतना दहेज नहीं दे सकते. बावजूद इसके उनकी बेटी को ससुरालीजन प्रताड़ित करते रहे. आखिरकार 24 नवम्बर 2013 को दहेज की मांग पूरी न होने पर उनकी बेटी को मार डाला. सुमन ने इस मामले की एफआईआर थाना अलीगंज में दर्ज कराई थी.
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