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किशोर के साथ शारीरिक शोषण कर हत्या की वारदात को दिया था अंजाम, दोषी को कोर्ट ने दिया आजीवन कारावास

लखनऊ में एक शख्स ने किशोर का शारीरिक शोषण कर हत्या कर दी. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

ईटीवी भारत
कोर्ट ने दिया आजीवन कारावास
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Published : Jun 27, 2022, 9:58 PM IST

लखनऊः राजधानी में राज किशोर उर्फ राजू गौतम को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसपर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राजू गौतम ने किशोर को टॉफी देने के बहाने बहलाया और फुसलाया, इसके बाद उसके साथ शारीरिक शोषण की वारदात को अंजाम दिया और उसकी हत्या कर दी.

अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि जुर्माने की समस्त धनराशि प्रतिकर के रूप में बच्चे की मां को दी जाएगी. अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह एवं अभिषेक उपाध्याय का तर्क था कि इस प्रकरण की रिपोर्ट 19 मार्च 2014 को मृतक बच्चे की मां द्वारा अलीगंज थाने पर दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है 17 मार्च 2014 को रात में उसका बेटा गायब हो गया था, जो ढूंढने के बाद भी नहीं मिला.

इसके अगले दिन 18 मार्च को काफी तलाशने के बाद ईदगाह के पास स्थित कूड़ा घर में वो मृत अवस्था में मिला. बहस के दौरान यह भी कहा गया कि मुखबिर की मदद से 19 मार्च 2014 को पुलिस ने पल्सर मोटर साइकिल के साथ अभियुक्त को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त ने बताया कि उसने होली वाले दिन बच्चे को टॉफी दिया और अपने कमरे पर ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान वो चिल्लाने लगा, जिसको रोकने के लिए उसने किशोर का मुंह ही दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें- तीन तलाक देकर जेठ के साथ हलाला का बनाया दबाव, FIR दर्ज

अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियुक्त ने 12 साल से कम आयु के बच्चे के साथ अपराध किया है. इस तरह की घटनाएं समाज में सामान्य जनमानस के मन में अपने बच्चे को लेकर भय और असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर रही हैं. जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों को खुलकर जीने की स्वतंत्रता नहीं दे पा रहे हैं. अदालत ने कहा है कि यह असुरक्षा का भाव बच्चों से उनका बचपन छीन रहा है. जिसके फलस्वरूप बच्चों का सर्वांगीण विकास बाधित हो रहा है.

लखनऊः राजधानी में राज किशोर उर्फ राजू गौतम को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उसपर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राजू गौतम ने किशोर को टॉफी देने के बहाने बहलाया और फुसलाया, इसके बाद उसके साथ शारीरिक शोषण की वारदात को अंजाम दिया और उसकी हत्या कर दी.

अदालत ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि जुर्माने की समस्त धनराशि प्रतिकर के रूप में बच्चे की मां को दी जाएगी. अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह एवं अभिषेक उपाध्याय का तर्क था कि इस प्रकरण की रिपोर्ट 19 मार्च 2014 को मृतक बच्चे की मां द्वारा अलीगंज थाने पर दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है 17 मार्च 2014 को रात में उसका बेटा गायब हो गया था, जो ढूंढने के बाद भी नहीं मिला.

इसके अगले दिन 18 मार्च को काफी तलाशने के बाद ईदगाह के पास स्थित कूड़ा घर में वो मृत अवस्था में मिला. बहस के दौरान यह भी कहा गया कि मुखबिर की मदद से 19 मार्च 2014 को पुलिस ने पल्सर मोटर साइकिल के साथ अभियुक्त को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त ने बताया कि उसने होली वाले दिन बच्चे को टॉफी दिया और अपने कमरे पर ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान वो चिल्लाने लगा, जिसको रोकने के लिए उसने किशोर का मुंह ही दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई.

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अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभियुक्त ने 12 साल से कम आयु के बच्चे के साथ अपराध किया है. इस तरह की घटनाएं समाज में सामान्य जनमानस के मन में अपने बच्चे को लेकर भय और असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर रही हैं. जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों को खुलकर जीने की स्वतंत्रता नहीं दे पा रहे हैं. अदालत ने कहा है कि यह असुरक्षा का भाव बच्चों से उनका बचपन छीन रहा है. जिसके फलस्वरूप बच्चों का सर्वांगीण विकास बाधित हो रहा है.

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