लखनऊ : एनआईए/एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने आतंकी गतिविधियों के एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए अभियुक्त एहतेशामुल हक उर्फ मिन्टू उर्फ अरबान, मो. फैजान उर्फ मुफ्ती, मो. नाजिम उर्फ उमर व मुजम्मिल उर्फ जीशान को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने इन अभियुक्तों पर 14-14 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है.
इन अभियुक्तों ने मुकदमे के सुनवाई के दौरान अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. इनके खिलाफ सरकार को आपराधिक बल द्वारा आतंकित करने की साजिश रचना, विभिन्न समुदायों के बीच वैमन्यस्ता फैलाकर शांति भंग करना व आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
अभियोजन के मुताबिक 12 अप्रैल 2017 को इस मामले की FIR एटीएस के निरीक्षक अविनाश मिश्रा ने दर्ज कराई थी. FIR के मुताबिक खुफिया सूचनाओं से जानकारी मिली थी, कि यूपी में कुछ लोगों का समूह एक साजिश के तहत अवैध असलहा एकत्र कर रहा है. यह समूह राज्य के अलग-अलग शहरों में अवैध हथियार व बमों से हमले की योजना बना रहा है. जिससे भारत देश की एकता, अखंडता व सम्प्रभुता तथा सामाजिक सौहार्द को विखंडित किया जा सके.
इस सूचना पर मुल्जिमों को अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा किया गया. इस मामले की विवेचना एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक शेषमणि उपाध्याय को सौंपा गया. उन्होंने विवेचना के उपरांत मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121ए, 153बी व विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम की धारा 18 में आरोप पत्र दाखिल किया था.