ETV Bharat / state

भतीजी से अश्लील हरकत करने वाले कांस्टेबल को 5 साल की जेल - लखनऊ कोर्ट की खबरें

राजधानी लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने अपनी ही भतीजी से अश्लील हरकते करने वाले एक कांस्टेबल को दोषी करार देते हुए 5 साल की जेल की सजा सुनाई है.

फास्ट ट्रैक कोर्ट
फास्ट ट्रैक कोर्ट
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 10:02 PM IST

लखनऊ : एक स्थानीय अदालत ने अपनी ही भतीजी से अश्लील हरकत करने वाले पुलिस विभाग के कांस्टेबल को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के उपरांत उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है.

यह निर्णय फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज डॉ. अवनीश कुमार ने पारित किया. कोर्ट ने कांस्टेबल को दोषसिद्ध करते हुए अपने फैसले में कहा है कि एक महिला के लिए उसका घर सबसे सुरक्षित स्थान होता है. लेकिन यदि किसी महिला को घर में ही परिवार के सदस्यों से यौन अपराध का खतरा हो, तो कोई महिला खुद को कैसे सुरक्षित रख पाएगी.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभियुक्त पुलिस विभाग जैसे जिम्मेदार विभाग में तैनात है. कोर्ट ने कहा- जिस विभाग पर महिलाओं की सुरक्षा का दारोमदार है, उस विभाग का ही एक कर्मचारी अपनी ही भतीजी के साथ इस प्रकार का गलत काम कर रहा है. हालांकि अभियुक्त की ओर से बचाव में कहा गया कि पारिवारिक रंजिश के कारण उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. लेकिन अभियुक्त की ओर से अपने दलील के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं पेश किया जा सका.

इसे भी पढे़ं- दिव्यांग बेटी पैदा होने पर पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक, देवर कर रहा हलाला की मांग

इस मामले की एफआईआर 31 मार्च 2014 को पीड़िता ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक घटना के समय अभियुक्त रेडियो पुलिस, महानगर में कांस्टेबिल के पद पर तैनात था. 7 साल बाद पीड़िता को कोर्ट से न्याय मिला है.

लखनऊ : एक स्थानीय अदालत ने अपनी ही भतीजी से अश्लील हरकत करने वाले पुलिस विभाग के कांस्टेबल को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के उपरांत उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है.

यह निर्णय फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज डॉ. अवनीश कुमार ने पारित किया. कोर्ट ने कांस्टेबल को दोषसिद्ध करते हुए अपने फैसले में कहा है कि एक महिला के लिए उसका घर सबसे सुरक्षित स्थान होता है. लेकिन यदि किसी महिला को घर में ही परिवार के सदस्यों से यौन अपराध का खतरा हो, तो कोई महिला खुद को कैसे सुरक्षित रख पाएगी.

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभियुक्त पुलिस विभाग जैसे जिम्मेदार विभाग में तैनात है. कोर्ट ने कहा- जिस विभाग पर महिलाओं की सुरक्षा का दारोमदार है, उस विभाग का ही एक कर्मचारी अपनी ही भतीजी के साथ इस प्रकार का गलत काम कर रहा है. हालांकि अभियुक्त की ओर से बचाव में कहा गया कि पारिवारिक रंजिश के कारण उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. लेकिन अभियुक्त की ओर से अपने दलील के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं पेश किया जा सका.

इसे भी पढे़ं- दिव्यांग बेटी पैदा होने पर पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक, देवर कर रहा हलाला की मांग

इस मामले की एफआईआर 31 मार्च 2014 को पीड़िता ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक घटना के समय अभियुक्त रेडियो पुलिस, महानगर में कांस्टेबिल के पद पर तैनात था. 7 साल बाद पीड़िता को कोर्ट से न्याय मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.