लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने महोबा के क्रशर व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कबरई के बर्खास्त एसओ देवेंद्र कुमार शुक्ला को 4 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. गुरुवार को एसआईटी ने विशेष अदालत में रिपोर्ट पेश कर देवेंद्र कुमार पर आईपीसी की धारा 387, 306 , 120बी , 504 व 506 के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/7ए/8/12/13 में न्यायिक रिमांड हासिल की. उक्त अभियुक्त फरार चल रहे निलम्बित एसपी मणिलाल पाटीदर के साथ इस मामले में अभियुक्त है.
क्या है मामला
11 सिंतबर को इस मामले की एफआईआर मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी. इसमें महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व अन्य को नामजद किया गया था. आईपीसी की धारा 387 (वसूली के लिए मृत्यु का भय दिखाना), 307 (हत्या का प्रयास) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 में दर्ज हुई इस एफआईआर के मुताबिक उनके भाई इंद्रकांत से अभियुक्तगण प्रति माह छह लाख रुपए की अवैध वसूली करते थे. लॉकडाउन में वसूली नहीं देने पर उनके भाई को धमकी दी गई. 8 सितंबर को गोली लगने से इंद्रकांत घायल हो गया. 13 सितंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनकी मृत्यु के पश्चात 307 हटाकर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को तरमीम किया गया. बाद में इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई. प्रयागराज के एसपी क्राइम अविनाश मिश्रा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने अपनी जांच में इस मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया.
सरकारी वकील डीसी यादव के मुताबिक विशेष अदालत ने इस मामले में वांछित महोबा के निलंबित एसपी मणीलाल पाटीदार व थाना कबरई के बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव के खिलाफ भी कुर्की की कार्रवाई की नोटिस जारी करने का आदेश दे रखा है. जबकि इस मामले के दो अन्य अभियुक्त सुरेश सोनी व ब्रह्म दत्त तिवारी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.