लखनऊ: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए गिट्टी ढो रहे ट्रकों से वसूली करने एवं प्रतिमाह दो लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोपी महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की प्रभारी विशेष न्यायाधीश शालिनी सागर ने खारिज कर दी है.
जमानत के विरोध में सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले की रिपोर्ट पीपी पांडेय इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नितेश कुमार ने 10 सितंबर 2020 को थाना कोतवाली नगर महोबा में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके ट्रक इस समय बुंदेलखंड एक्सप्रेस में गिट्टी ढोने का काम कर रही हैं तथा गाड़ियों के पेपर सही होने पर भी थानाध्यक्ष खारेला एवं थानाध्यक्ष चरखारी के अलावा चौकियों पर गाड़ी रोक कर पैसों की मांग की जाती है और पैसे ना देने पर गाड़ी एवं ड्राइवर को बंद कर कर दिया जाता है तथा ड्राइवर को जेल भी भेज दिया जाता है.
बहस के दौरान कहा गया कि आरोपी मणिलाल पाटीदार ने कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित तिवारी को अपने मोबाइल से फोन करके बुलाया तथा कहा कि उन्हें हर महीने दो लाख रुपए देने पड़ेंगे अन्यथा इसी तरह से गाड़ियों का चालान होता रहेगा एवं ड्राइवरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होंगी. अदालत को बताया गया इस मामले में 16 जून 2020 को डीआईजी रेंज चित्रकूट को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर जांच के उपरांत मामला सही पाए जाने पर 10 सितंबर 2020 को दोनों थानों की इंस्पेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षक महोबा सहित कई लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी ने लोक सेवक के पद पर रहते हुए गंभीर प्रकृति का कृत्य किया है.
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