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लेटर और पैड के दुरुपयोग का मामला, पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज - एमपी-एमएलए कोर्ट

आजम खान की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. सरकारी मुहर और लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने का मामला है.

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लेटर और पैड के दुरुपयोग का मामला
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Published : Feb 16, 2022, 7:12 PM IST

लखनऊः सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने बुधवार को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. अदालत के समाने बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं. उनके खिलाफ लगाए गये आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. ये भी दलील दी गई कि मामला राजनीति से प्रेरित है. वहीं जमानत का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने दलील दी कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने दलील दी कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज करायी थी.

इसे भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने एक लाख के मुचलके पर दी जमानत, तुरंत रिहा करने का आदेश

जिसमें कहा गया है कि घटना साल 2014 से संबंधित है. लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं.

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लखनऊः सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की ओर से दाखिल जमानत अर्जी को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने बुधवार को खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. अदालत के समाने बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खान काफी समय से जेल में हैं. उनके खिलाफ लगाए गये आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. ये भी दलील दी गई कि मामला राजनीति से प्रेरित है. वहीं जमानत का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ला और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने दलील दी कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा ने दलील दी कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज करायी थी.

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जिसमें कहा गया है कि घटना साल 2014 से संबंधित है. लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है. अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं.

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