लखनऊ: आशुतोष सिंह हत्याकांड मामले में कोर्ट ने अभियुक्त हेमेंद्र प्रताप यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. प्रेम प्रसंग के चलते प्रेमिका के पति की हत्या करने के इस आरोपी के अपराध को कोर्ट ने गम्भीर करार दिया है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडेय का तर्क था कि घटना की रिपोर्ट वादी राजेश कुमार सिंह ने 24 अगस्त 2021 को थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि उसका भाई आशुतोष सिंह ग्लोब डायग्नोस्टिक सेंटर सीतापुर रोड भिटौली में पीआरओ है, जो 23 अगस्त से लापता है. इसका कुछ काफी प्रयास के बावजूद उसका कोई पता नहीं चल रहा है. अगले दिन 24 अगस्त को आशुतोष सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. उसके कुछ देर बाद घैला क्षेत्र में सड़क के किनारे आशुतोश सिंह का शव पाया गया. जमानत के विरोध में यह भी कहा गया है कि मृतक की पत्नी प्रीति सिंह अभियुक्त के साथ लिव-इन-रिलेशन में रहती थी और दोनों एक साथ सहायक अध्यापक के रूप में पढ़ाते हैं.
यह भी कहा गया है कि प्रीति सिंह का विवाह उसकी इच्छा के विरुद्ध हुआ था तथा इसी प्रेम प्रसंग के चलते आशुतोष सिंह को रास्ते से हटाने के लिए उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि घटना का कोई भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि मात्र आशंका के आधार पर उसे अभियुक्त बनाया गया है. हालांकि कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया.