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दुराचार व पॉक्सो में रिमांड खारिज, विवेचक व पर्यवेक्षणीय अधिकारी को दंडित करने का आदेश - यूपी की न्यूज

लखनऊ में कोर्ट ने मुल्जिम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो की धारा 3/4 में न्यायिक रिमांड की मांग खारिज कर दी है. साथ ही विवेचक व पर्यवेक्षणीय अधिकारी को दंडित करने का आदेश दिया है.

दुराचार व पॉक्सो की रिमांड खारिज.
दुराचार व पॉक्सो की रिमांड खारिज.
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Published : Nov 21, 2021, 4:58 PM IST

लखनऊः पॉक्सो के विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने पीड़िता द्वारा अपने कलमबंद बयान में आरोप नहीं लगाने के बावजूद मुल्जिम के खिलाफ दुराचार व पॉक्सो की धारा बढ़ाए जाने पर तल्ख रवैया अपनाया है. उन्होंने मुल्जिम राज बहादुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो की धारा 3/4 में न्यायिक रिमांड की मांग खारिज कर दी है.

साथ ही विवेचक व एसआई रणवीर सिंह, सर्वेश शुक्ला व दिवेश चन्द्र तथा पर्यवेक्षणीय अधिकारी व सीओ मलिहाबाद नवीन शुक्ला के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कर दंडित करने व एक माह में आख्या पेश करने का भी आदेश दिया है. उन्होंने इन सबके इस कृत्य को अवैधानिक करार देते हुए इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक व एसपी ग्रामीण को भी ई-मेल व डाक द्वारा आदेश की प्रति भेजने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ेंः मुख्तार अब्बास नकवी बोले-कट, कमीशन, करप्शन और दंगों-दबंगों की सियासत योगी-मोदी युग में खत्म हुई...



31 मार्च, 2021 की रात में पीड़िता को मुल्जिम बहला-फुसलाकर बाग में ले गया था. पीड़िता पूरी रात उसके साथ बाग में बैठी रही. सुबह दोनों घर लौट आए. इस मामले की एफआईआर थाना माल में दर्ज हुई थी.

पीड़िता ने अपने कलमबंद बयान में मुल्जिम पर दुराचार का आरोप नहीं लगाया था. मुल्जिम को आईपीसी की धारा 363 व 366 में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया लेकिन विवेचक ने कलमबंद बयान के बाद दोबारा पीड़िता का मजीद बयान दर्ज किया. जिसके आधार पर मुल्जिम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के साथ ही पॉक्सो की धारा 3/4 की भी बढ़ोत्तरी कर दी गई.

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लखनऊः पॉक्सो के विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने पीड़िता द्वारा अपने कलमबंद बयान में आरोप नहीं लगाने के बावजूद मुल्जिम के खिलाफ दुराचार व पॉक्सो की धारा बढ़ाए जाने पर तल्ख रवैया अपनाया है. उन्होंने मुल्जिम राज बहादुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो की धारा 3/4 में न्यायिक रिमांड की मांग खारिज कर दी है.

साथ ही विवेचक व एसआई रणवीर सिंह, सर्वेश शुक्ला व दिवेश चन्द्र तथा पर्यवेक्षणीय अधिकारी व सीओ मलिहाबाद नवीन शुक्ला के खिलाफ विभागीय कार्यवाही कर दंडित करने व एक माह में आख्या पेश करने का भी आदेश दिया है. उन्होंने इन सबके इस कृत्य को अवैधानिक करार देते हुए इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक व एसपी ग्रामीण को भी ई-मेल व डाक द्वारा आदेश की प्रति भेजने का आदेश दिया है.

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31 मार्च, 2021 की रात में पीड़िता को मुल्जिम बहला-फुसलाकर बाग में ले गया था. पीड़िता पूरी रात उसके साथ बाग में बैठी रही. सुबह दोनों घर लौट आए. इस मामले की एफआईआर थाना माल में दर्ज हुई थी.

पीड़िता ने अपने कलमबंद बयान में मुल्जिम पर दुराचार का आरोप नहीं लगाया था. मुल्जिम को आईपीसी की धारा 363 व 366 में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया लेकिन विवेचक ने कलमबंद बयान के बाद दोबारा पीड़िता का मजीद बयान दर्ज किया. जिसके आधार पर मुल्जिम के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के साथ ही पॉक्सो की धारा 3/4 की भी बढ़ोत्तरी कर दी गई.

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