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नमक घोटाला के मुख्य अभियुक्त आशीष राय की जमानत याचिका खारिज

नमक घोटाला के मुख्य अभियुक्त आशीष राय की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया.

नमक घोटाला
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Published : Jan 16, 2021, 8:32 PM IST

लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने नमक घोटाला मामले में निरुद्ध अभियुक्त आशीष राय की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. इस मामले की एफआईआर 11 अगस्त 2020 को नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील प्रभा वैश्य ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि अभियुक्त पर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में नीलम भाई पटेल से छह करोड़ छह लाख रुपये की ठगी का आरोप है. अभियुक्त ने उक्त अपराध इस मामले के अन्य अभियुक्तों की मिलीभगत से अंजाम दिया. अभियुक्त खुद को खाद्य व रसद विभाग का संयुक्त सचिव बताकर पीड़ित से मिलता था.

बचाव पक्ष की दलीलों को नकारा

वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि 28 अगस्त 2020 से आशीष राय इस मामले में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है. उसके खिलाफ जांच में पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सके हैं. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को नकार दिया.

घोटाले में कई और आरोपी हैं शामिल

उल्लेखनीय है कि इस मामले में आशीष राय के अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाले सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर व राघव, एसके अग्निहोत्री वित विभाग, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने नमक घोटाला मामले में निरुद्ध अभियुक्त आशीष राय की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है. इस मामले की एफआईआर 11 अगस्त 2020 को नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील प्रभा वैश्य ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि अभियुक्त पर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में नीलम भाई पटेल से छह करोड़ छह लाख रुपये की ठगी का आरोप है. अभियुक्त ने उक्त अपराध इस मामले के अन्य अभियुक्तों की मिलीभगत से अंजाम दिया. अभियुक्त खुद को खाद्य व रसद विभाग का संयुक्त सचिव बताकर पीड़ित से मिलता था.

बचाव पक्ष की दलीलों को नकारा

वहीं बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि 28 अगस्त 2020 से आशीष राय इस मामले में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है. उसके खिलाफ जांच में पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सके हैं. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को नकार दिया.

घोटाले में कई और आरोपी हैं शामिल

उल्लेखनीय है कि इस मामले में आशीष राय के अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाले सुनील गुर्जर उर्फ मोंटी गुर्जर व राघव, एसके अग्निहोत्री वित विभाग, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य को आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत नामजद किया गया था.

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