लखनऊ : उधारी के 10 लाख रुपये वापस न करने एवं पैसे मांगने पर आत्महत्या के लिए उकसाने की आरोपी देवरानी रोशनी गुप्ता की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विनय कुमार सिंह ने खारिज कर दी है. जमानत अर्जी का प्रबल विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद शर्मा का तर्क था कि इस प्रकरण की रिपोर्ट मृतका नीतू गुप्ता के भाई राहुल गुप्ता ने 18 जून 2020 को गाजीपुर थाने में दर्ज कराई थी.
जमानत के विरोध में कहा गया कि थाने में दर्ज रिपोर्ट में आरोप है कि वादी ने अपनी बहन की शादी 17 साल पहले राजीव कुमार गुप्ता के साथ किया था. उस समय घर में देवर कुलदीप गुप्ता एवं देवरानी रोशनी गुप्ता ही रहते थे. जहां पर कुलदीप गुप्ता राजीव गुप्ता की दुकान पर ही काम करते थे.
आरोप यह भी है कि देवर कुलदीप गुप्ता, देवरानी रोशनी गुप्ता, ननद सोनी गुप्ता एवं नंदोई नीरू गुप्ता ने एक वर्ष पहले मृतका से 10 लाख रुपये उधार लिए थे. पैसे वापस करने के लिए कहने पर मृतक महिला के ससुराल पक्ष के लोग टालमटोल करते थे. जमानत के विरोध में कहा गया कि मृतक महिला जब भी आरोपियों से अपने रुपये मांगती थी, तब आरोपी धमकी देकर कहते थे कि पैसे की क्या जरूरत है. जाओ फांसी लगाकर मर जाओ.
इस प्रकार सभी आरोपी उसका उत्पीड़न करते थे. कहा गया है कि वादी की भाभी नैन्सी गुप्ता के मोबाइल पर 7 मार्च 2020 एवं 10 मार्च 2020 को नीतू ने फोन करके बताया कि देवर, देवरानी, ननंद एवं नंदोई पैसों को लेकर उसका उत्पीड़न कर रहे हैं. इसी उत्पीड़न के चलते 13 मार्च 2020 को नीतू गुप्ता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस मामले में देवरानी रोशनी गुप्ता के खिलाफ भी अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है.
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