लखनऊ : बिना उचित शोधन किए दूषित जल को नाले के ज़रिए काली नदी में छोड़कर नदी को प्रदूषित करने और ग़लत जानकारी देकर अनुमति प्राप्त करने की कोशिश करने के 29 साल पुराने मामले में आरोपी मेरठ की शराब कंपनी सेंट्रल डिस्टलरी एंड ब्रेवरीज को दोषी ठहराते हुए विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदूषण यशा शर्मा ने आठ लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
कोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विधि अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मामले की शिकायत को लेकर कोर्ट में परिवाद दायर किया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि मेरठ स्थित सेंट्रल डिस्टलरी एंड ब्रेवरीज शराब और अल्कोहल बनाने का काम करती है. बताया गया कि 27 अक्टूबर 1983 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने नियमानुसार निरीक्षण की नोटिस देकर फ़ैक्ट्री का निरीक्षण किया गया. जिसमें पाया गया कि आरोपी कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट और समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया था और कंपनी से निकालने वाले प्रदूषण को कंकड़ खेड़ा नाले के रास्ते अबु नाला होते हुए काली नदी में छोड़ रही थी और फ़ैक्ट्री से निकलने वाले इस प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य को हानि पहुंच रही थी. परिवाद में यह भी कहा गया था कि आरोपी कंपनी ने जल अधिनियम के तहत प्रदूषण बोर्ड से जल निकासी के लिए अनिवार्य रूप से ली जाने वाली सहमति और अनुमति भी नहीं ली. आगे कहा गया कि आरोपी कंपनी ने कई बार सहमति के लिए आवश्यक जानकारी दिए बिना पत्र भेजे, लेकिन आवश्यक जानकारी के अभाव में सहमति की मांग वाली अर्ज़ी को खारिज कर दिया गया था.
दोस्त की हत्या करने के अभियुक्त को उम्र कैद : व्यापार के लिए दिये गए पैसों को वापस मांगने पर ज़हर देकर दोस्त की हत्या करने के आरोपी आशीष कुमार पांडेय उर्फ़ घंटेश्वर को दोषी ठहराते हुए एडीजे पुष्कर उपाध्याय ने आजीवन कारावास और 15 हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने जुर्माने की सारी रक़म मृतक की बहन को देने का आदेश दिया है. कोर्ट में सरकारी वकील कृष्ण कुमार साहू ने बताया कि वादिनी अल्का मिश्रा ने कोर्ट के ज़रिए इटौंजा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें बताया गया था कि वादिनी के भाई मोहित मिश्रा ने 18 लाख रुपये में खेत बेचा था और मोहित के दोस्त आशीष पांडेय ने मोहित का पैसा कबाड़ के काम में लगा दिया था और अपना व्यापार स्थापित कर लिया था. बताया गया कि 24 जून 2015 को आशीष पांडेय वादिनी के घर आया और वादिनी के भाई मोहित को अपने साथ बुलाकर ले गया. कहा गया कि दिन भर मोहित घर नहीं आया तो उसकी तालाश की गई. शाम को आशीष मोटर साइकिल से मोहित को लेकर आया और घर के चौराहे के पास फ़ेक कर भाग गया, जब वादिनी ने देखा तो मोहित के मुंह से झाग निकाल रहा था. इसके बाद अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
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