लखनऊ : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले पैसे की प्रक्रिया करने के एवज में 20 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ़्तार किए गए हरदोई कछौना के पंचायत मित्र राजेश कुमार को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश ने हिरासत में लेकर 11 मई तक के लिए जेल भेज दिया है. इसके पहले आरोपी को गिरफ़्तार करके कोर्ट में पेश किया गया और बताया गया कि मामले की रिपोर्ट 27 अप्रैल को भ्रष्टाचार निवारण संगठन के इंस्पेक्टर नुरूलहुदा ख़ान ने हरदोई के किछौना थाने में दर्ज कराकर बताया गया था कि शिकायतकर्ता रमाकान्त ने संगठन के एसपी को शिकायत की थी.
शिकायत में कहा गया था कि उसकी पत्नी रोशनी के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए एक लाख बीस हज़ार स्वीकृत हुए थे. जिसमें से 40 हज़ार रुपये खाते में आ गए थे और अगली किस्त के 70 हज़ार रुपये और आने थे. जिसके लिए पंचायत मित्र राजेश कुमार अर्ध निर्मित मकान की फोटो खींचकर भेजने के लिए 20 हज़ार की रिश्वत की मांग कर रहा है. वादी की इस शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने आरोपी को 20 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार कर लिया था.
नौकरी का झांसा देकर पैसे हड़पने के अभियुक्तों को जमानत से इंकार
बेरोज़गार लोगों को नौकरी का झांसा देकर जांच इत्यादि के नाम पर पैसा जमा करवा के हड़पने के आरोपी अभिषेक श्रीवास्तव और कमल सिंह उर्फ़ रिंकु उर्फ़ विश्वंभर की जमानत को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है. कोर्ट में सरकारी वकील अरुण पांडेय ने बताया कि वादी संजय कुमार सिंह ने कृष्णानगर थाने में 18 जून 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने समाचार पत्र में आयुर्वेद ग्लोबल होल्डिंग का विज्ञापन देखा था और वादी बेरोज़गार था. लिहाजा उसने दिए गए फ़ोन पर संपर्क किया तो वादी को कार्यालय बुलाया गया जहां वादी और उसकी पत्नी का इंटरव्यू लेकर सिक्योरिटी डिपॉजिट और खाता खुलवाने के नाम पर छह हज़ार रुपये जमा करवाकर नियुक्ति पत्र दिया गया. जब वादी अपना मेडिकल करवाने गया तो कार्यालय पर ताला पड़ा था और आरोपी उसका पैसा लेकर भाग गए थे.
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