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पश्चिम बंगाल के रास्ते जाली नोट लाने का मामला : सोहराब हुसैन के खिलाफ कोर्ट ने तय किए आरोप

सोहराब हुसैन के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. सोहराब हुसैन पर पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में जाली नोट लाकर अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाने का आरोप है.

लखनऊ कोर्ट
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Published : Aug 8, 2022, 10:32 PM IST

लखनऊ : पश्चिम बंगाल के रास्ते जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में खपाने और देश की अर्थव्यवस्था पर चोट करने के आरोपी सोहराब हुसैन पर कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्र ने इस मामले में गवाहों को तलब करते हुए सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तारीख नियत की है.

इसके पहले आरोपी सोहराब हुसैन को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के समय आरोपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपो से मुक्त करने की मांग की. वहीं सरकारी वकील एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पत्रावली पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, लिहाजा उसके ऊपर आरोप तय करके विचारण किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी सोहराब के ऊपर आरोप तय किए हैं. उल्लेखनीय है कि सोहराब हुसैन के खिलाफ गत 10 जनवरी को कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी.

एनआईए की ओर से विशेष अभियोजक एमके सिंह ने बताया कि वादी चैंपियन लाल ने एटीएस थाने में 26 नवम्बर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मुखबिर की सूचना पर एटीएस की टीम ने मालदा के कालियाचक से जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने वाले गिरोह के सदस्यों नासिबा खातून, फूलचंद्र और अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार करके 2 हजार के 15 और 500 के 148 नोट समेत कुल एक लाख 79 हजार के जाली नोट बरामद किए थे.

इस मामले की विवेचना के दौरान ही मामला एनआईए को सौप दिया गया था, जिस पर एनआईए ने 20 जनवरी 2020 को फिर से मामला दर्ज किया और विवेचना शुरू की. विवेचना के दौरान ही इस प्रकरण में मालदा के रहने वाले सोहराब हुसैन और शरीफुल की संलिप्तता पाई गई. इस पर एनआईए ने आरोपीयों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

इसे पढ़ें- दलितों के खिलाफ अपराध में यूपी है 'नंबर वन', क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

लखनऊ : पश्चिम बंगाल के रास्ते जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में खपाने और देश की अर्थव्यवस्था पर चोट करने के आरोपी सोहराब हुसैन पर कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्र ने इस मामले में गवाहों को तलब करते हुए सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तारीख नियत की है.

इसके पहले आरोपी सोहराब हुसैन को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के समय आरोपी ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोपो से मुक्त करने की मांग की. वहीं सरकारी वकील एमके सिंह ने कोर्ट को बताया कि पत्रावली पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, लिहाजा उसके ऊपर आरोप तय करके विचारण किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी सोहराब के ऊपर आरोप तय किए हैं. उल्लेखनीय है कि सोहराब हुसैन के खिलाफ गत 10 जनवरी को कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की गई थी.

एनआईए की ओर से विशेष अभियोजक एमके सिंह ने बताया कि वादी चैंपियन लाल ने एटीएस थाने में 26 नवम्बर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मुखबिर की सूचना पर एटीएस की टीम ने मालदा के कालियाचक से जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करने वाले गिरोह के सदस्यों नासिबा खातून, फूलचंद्र और अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार करके 2 हजार के 15 और 500 के 148 नोट समेत कुल एक लाख 79 हजार के जाली नोट बरामद किए थे.

इस मामले की विवेचना के दौरान ही मामला एनआईए को सौप दिया गया था, जिस पर एनआईए ने 20 जनवरी 2020 को फिर से मामला दर्ज किया और विवेचना शुरू की. विवेचना के दौरान ही इस प्रकरण में मालदा के रहने वाले सोहराब हुसैन और शरीफुल की संलिप्तता पाई गई. इस पर एनआईए ने आरोपीयों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

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