लखनऊ: एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट के एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने राजधानी लखनऊ की एक निष्क्रांत जमीन पर कब्जा कर मकान का अवैध निर्माण कराने के मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर आरोप तय करने के लिए 2 अगस्त की तिथि नियत की है.
विगत 16 अप्रैल को मुख्तार अंसारी की ओर से यह डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की गई थी. मुख्तार की ओर से इस अर्जी पर बहस करते हुए कहा गया कि उसने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है. उसे इस मामले में सत्ता पक्ष के इशारे पर जानबूझकर अधिकारियों के जरिए झूठा फंसाया गया है. यह भी तर्क था कि मामला दीवानी प्रकृति का है. सहायक अभियोजन अधिकारी सोनू सिंह राठौड़ ने इस अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि अभियुक्त पर गंभीर आरोप हैं. उसने जियामऊ इलाके में एक निष्क्रांत जमीन का जबरिया बैनामा करा लिया. जबकि विक्रेता अशफाक अली आदि के पास इस जमीन को बेचने का कोई अधिकारिक दस्तोवज नहीं था. इस संपत्ति पर अभियुक्त ने एक साजिश के तहत फर्जी तरीके से अपने बेटों का नाम दर्ज कराया. जमीन का नक्शा मंजूर कराने के लिए अपने बाहुबल का इस्तेमाल कर अनावश्यक दबाव बनाया. फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस जमीन पर मकान का अवैध निर्माण भी कराया गया.
उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर, 2021 को इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था. इस मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व उमर अंसारी भी अभियुक्त हैं.
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