लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों (UP Polytechnic Institute) में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर प्राविधिक शिक्षा परिषद ही अब पीछे हट (Technical Education Council has now backtracked regarding online semester examinations) गया है. परिषद ने आगे इन बच्चों की ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षा न कराने का फैसला लिया है. पूर्व विधायक व बोर्ड के चेयरमैन विद्या सागर गुप्ता (
Chairman Vidya Sagar Gupta) ने बताया कि इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा.
बता दें कि प्रदेश भर के पॉलिटेक्निक संस्थानों से करीब ढाई से तीन लाख छात्र-छात्राएं इन सेमेस्टर परीक्षाओं में शामिल होते हैं. बीते दिनों ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन किया गया था, जिसमें काफी समस्याएं पेश आई. वहीं, पोर्टल पर लॉगिन न होने कारण कई छात्रों की परीक्षाएं तक छूट गई थी.
परिषद के अधिकारियों का कहना है कि पॉलीटेक्निक में पढ़ने वाले विद्यार्थी कक्षा 10वीं या 12वीं के होते हैं. अधिकांश विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश के हैं. उन्हें तकनीकी का अच्छा ज्ञान भी नहीं है. साथ ही अधिकांश पॉलीटेक्निक दूर-दराज के इलाकों में हैं. वहां पर इटरनेंट और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता भी नहीं है.
इसी वजह से सितंबर में गत शैक्षिक सत्र की कराई गई ऑनलाइन परीक्षा में विद्यार्थियों को काफी दिक्कत पेश आई थी. इसलिए वर्तमान सत्र की ऑनलाइन परीक्षा की जगह ऑफलाइन परीक्षा कराए जाने की बात कही जा रही है. साथ ही कहा गया कि यह व्यवस्था तब तक कायम रखी जाए, जब तक ऑनलाइन परीक्षा के लायक इनफ्रास्ट्रेक्चर विकसित नहीं कर लिया जाता है.
यूराइज पोर्टल को बंद करने का फैसला
प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से यू राइज पोर्टल को बंद करने का फैसला लिया गया. नए पोर्टल यराइज पर पॉलिटेक्निक की परीक्षा से लेकर पंजीकरण आदि का काम करने के शासनादेश पर अपनी आपत्ति जताई. सदस्यों का कहना था कि बिना बोर्ड की स्वीकृत लिए मनमाने तरीके से शासन ने यूराइज पोर्टल पर काम करने का निर्देश दिया गया है.
इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. साथ ही बोर्ड की स्वीकृत नहीं हासिल की गई, जबकि परिषद के 1912 के एक्ट के मुताबिक बिना बोर्ड की अनुमति लिए इस तरह का फैसला शासन नहीं ले सकता है. सदस्यों ने कहा कि इस पोर्टल को बाहरी एजेंसी चलाती है. इसका कार्यालय भी बोर्ड में नहीं है. ऐसे में गोपनीयता भंग होने का खतरा भी है. हाल ही में यूराइज पोर्टल की वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी हुई है.