लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद राज्यपाल ने सख्त कदम उठाया है. इस संबंध में राज्यपाल की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एसएन अग्निहोत्री को इंक्वारी जज बनाया गया. भ्रष्टाचार को लेकर एकेटीयू के कुलपति के खिलाफ राजभवन में शिकायत की गई थी. इस मामले में राज्यपाल ने कुलपति और कुलसचिव को भी पत्र भेज कर जांच में सहयोग करने की बात कही है. गौरतलब है कि एकेटीयू के पूर्व कुलपति प्रो.विनय पाठक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद एकेटीयू में एक दूसरे के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.
बीते दिनों तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो.अनुराग त्रिपाठी ने कुलपति के विरुद्ध राजभवन में शिकायत की थी. वहीं आईईटी के तत्कालीन निदेशक प्रो. विनीत कंसल का नाम भी भ्रष्टाचार के आरोप में आने के बाद कुलपति ने उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस सम्बन्ध में राज्यपाल की प्रमुख सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं. राजभवन ने कुलपति से जांच में सहयोग करने को कहा है. जारी आदेश के अनुसार एकेटीयू में कथित रूप से विभिन्न स्तरों पर की गई अनियमितताओं के संबंध में कुछ लोगों से शिकायत मिली है. इसके तथ्यान्वेषण के लिए राज्यपाल और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति की ओर से दिए गए आदेश के क्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन अग्निहोत्री को प्रारंभिक जांच करने के लिए जांच न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.
प्रमुख सचिव की ओर से एकेटीयू को निर्देश दिया गया है कि विवि अधिकारी जांच न्यायाधीश द्वारा अपेक्षित दस्तावेजों, विवि के अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों को साक्षी के रूप में निर्धारित तिथि और समय पर जांच न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे. जांच स्थल राजभवन होगा. इस पूरे मामले पर कुलपति प्रो. पीके मिश्रा ने कहा कि आज शाम को आदेश मिला है, कहा गया है कि जांच में सहयोग करें. एकेटीयू का कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही संस्थान के हित में फैसले लिए हैं और उन पर अमल किया है. भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे. साथ ही राजभवन की मंशा के अनुरूप न्यायमूर्ति की जांच में पूरा सहयोग करेंगे.