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नियमों की अनदेखी कर हो रही PWD में पोस्टिंग, पॉलिटेक्निक टीचर को बना दिया GM

राज्य के लोक निर्माण विभाग में अफसरों की पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आया है. एक मामले में पॉलिटेक्निक के शिक्षक को राजकीय निर्माण निगम में महाप्रबंधक का पद दिया गया है. वहीं, दूसरे मामले में प्रतिनियुक्ति की अवधि खत्म होने के बाद भी सत्यवीर सिंह उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम में बने हुए हैं.

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Published : Jan 30, 2021, 4:57 AM IST

लोक निर्माण विभाग
लोक निर्माण विभाग

लखनऊ : राज्य के लोक निर्माण विभाग में अफसरों की तैनाती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें उन लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई जिन्हें निर्माण कार्य से संबंधित किसी भी प्रकार का अनुभव ही नहीं है. उन्हें बड़े निर्माण प्रोजेक्ट की बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी गई. अब ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है तो फिर पीडब्ल्यूडी में अफसरों की तैनाती में इस तरह की गड़बड़ी क्यों हो रही है.

पॉलिटेक्निक के शिक्षक को बनाया जीएम

इसी तरह एक और मामला सामने आया है. पॉलिटेक्निक अध्यापक को राजकीय निर्माण निगम में महाप्रबंधक का पद दिया गया है. जितेंद्र मौर्य के पास ड्राइंग और डिजाइनिंग का पॉलिटेक्निक में अनुभव है. बावजूद इसके उन्हें फील्ड का अनुभव ना होने के चलते 1000 करोड़ से ज्यादा के निर्माण प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई. जितेंद्र मौर्य की भी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, बावजूद इसके वह लखनऊ क्षेत्र के जीएम सिविल बने हुए हैं.


प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म होने पर भी विभाग में बरकरार

लोक निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता सत्यवीर सिंह का मामला सामने आया है. सत्यवीर सिंह लोक निर्माण विभाग से प्रतिनियुक्ति पर राजकीय निर्माण निगम में भेजे गए थे. उनकी प्रतिनियुक्ति 15 जुलाई 2018 को खत्म हो चुकी है और उन्हें उनके मूल विभाग लोक निर्माण में वापस भेजने का आदेश हुआ. सत्यवीर सिंह पर बहराइच मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों में अनियमितता के गंभीर आरोप भी लगे थे. बावजूद इसके अभी भी सत्यवीर सिंह को लोक निर्माण विभाग में वापस नहीं भेजा गया है. इसके साथ ही सत्यवीर सिंह को हाल ही में महाप्रबंधक के पद पर तैनाती दे दी गई. यह हाल तब है जब उनके ऊपर गंभीर वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. ना तो अधिकारियों ने उनकी वापसी लोक निर्माण विभाग में की और ना उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.

अब दिया जा रहा जांच का भरोसा

इस मामले में जब वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई तो जांच करा कर कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

लखनऊ : राज्य के लोक निर्माण विभाग में अफसरों की तैनाती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें उन लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई जिन्हें निर्माण कार्य से संबंधित किसी भी प्रकार का अनुभव ही नहीं है. उन्हें बड़े निर्माण प्रोजेक्ट की बड़ी जिम्मेदारी भी दे दी गई. अब ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब योगी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है तो फिर पीडब्ल्यूडी में अफसरों की तैनाती में इस तरह की गड़बड़ी क्यों हो रही है.

पॉलिटेक्निक के शिक्षक को बनाया जीएम

इसी तरह एक और मामला सामने आया है. पॉलिटेक्निक अध्यापक को राजकीय निर्माण निगम में महाप्रबंधक का पद दिया गया है. जितेंद्र मौर्य के पास ड्राइंग और डिजाइनिंग का पॉलिटेक्निक में अनुभव है. बावजूद इसके उन्हें फील्ड का अनुभव ना होने के चलते 1000 करोड़ से ज्यादा के निर्माण प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई. जितेंद्र मौर्य की भी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, बावजूद इसके वह लखनऊ क्षेत्र के जीएम सिविल बने हुए हैं.


प्रतिनियुक्ति अवधि खत्म होने पर भी विभाग में बरकरार

लोक निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता सत्यवीर सिंह का मामला सामने आया है. सत्यवीर सिंह लोक निर्माण विभाग से प्रतिनियुक्ति पर राजकीय निर्माण निगम में भेजे गए थे. उनकी प्रतिनियुक्ति 15 जुलाई 2018 को खत्म हो चुकी है और उन्हें उनके मूल विभाग लोक निर्माण में वापस भेजने का आदेश हुआ. सत्यवीर सिंह पर बहराइच मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों में अनियमितता के गंभीर आरोप भी लगे थे. बावजूद इसके अभी भी सत्यवीर सिंह को लोक निर्माण विभाग में वापस नहीं भेजा गया है. इसके साथ ही सत्यवीर सिंह को हाल ही में महाप्रबंधक के पद पर तैनाती दे दी गई. यह हाल तब है जब उनके ऊपर गंभीर वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. ना तो अधिकारियों ने उनकी वापसी लोक निर्माण विभाग में की और ना उनके खिलाफ कार्रवाई की गई.

अब दिया जा रहा जांच का भरोसा

इस मामले में जब वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई तो जांच करा कर कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं. लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि वह इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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