लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और उससे बचाव और रोकथाम करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदम और लोगों को आवश्यक सामान मुहैया कराए जाने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कोरोना महामारी को उत्तर प्रदेश में आपदा घोषित किया है. उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के प्रस्ताव पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वीकृति प्रदान करते हुए मंजूरी प्रदान की है.
आपदा घोषित करने के पीछे का मकसद राज्य सरकार द्वारा आवश्यक सामानों का लोगों तक पहुंचाना और खरीदारी प्रक्रिया को क्षति करना है, जिसके अंतर्गत मास्क सैनिटाइजेशन सहित अन्य जरूरी सामान की खरीद फरोख्त की जा सकेगी. इसके अंतर्गत नियमों को शिथिल कर आपदा के अंतर्गत जरूरी सामान की खरीद फरोख्त कभी भी किसी भी जरूरत के अनुसार की जा सकेगी. इसके लिए राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव को कुमार की तरफ से एक प्रस्ताव राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया था, जिसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी प्रदान कर दी है और कोविड-19 महामारी को उत्तर प्रदेश में आपदा घोषित किया गया है.
उत्तर प्रदेश में 1 माह के लिए घोषित आपदा के अंतर्गत जिलाधिकारियों के स्तर पर जिला स्तर पर ही मेडिकल इक्विपमेंट और अन्य जरूरी सामान की खरीद फरोख्त नियमानुसार किए जाने का काम इस अवधि में किया जा सकेगा. इसके लिए अलग से अन्य प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा. आपदा घोषित होने के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के स्तर पर लोगों को सहायता और अन्य तरह की मदद उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए राज्य सरकार ने बकायदा उत्तर प्रदेश को कोरोना महामारी के चलते आपदा घोषित किया है.