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कोरोना संकटकाल में भी जिम्मेदारी का एहसास, परिवार से दूर रहकर 24 घंटे जुटे हैं ये वॉरियर - कोरोना से लड़ाई

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना योद्धाओं ने महामारी को खत्म करने की कसम खाई है. घर परिवार की चिंता होने के बावजूद ये योद्धा लगातार अपने काम में जुटे हैं. ये वॉरियर्स लगातार शहर को सैनिटाइज कर रहे हैं, जिससे कि इस महामारी से बचा जा सके.

इन कोरोना योद्धाओं ने कोरोना को मात देने की उठाई है जिम्मेदारी
इन कोरोना योद्धाओं ने कोरोना को मात देने की उठाई है जिम्मेदारी
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Published : May 18, 2020, 10:10 AM IST

लखनऊ: 'मौत के डर को डराकर भी फर्ज निभाने आए हैं, हम खाकी पहन के कोरोना तुझे मिटाने आए हैं. रुकावटें क्या रोकेंगी अब हमें, हम तो घर वालों को भी समझा बुझाकर आए हैं'. जी हां कुछ ऐसी ही मनोदशा इन दिनों हॉटस्पॉट और संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे पुलिस कर्मचारियों की है. जहां एक ओर भारी संख्या में पुलिस कर्मचारी हॉटस्पॉट एरिया में तैनात हैं तो वहीं अग्निशमन विभाग के तमाम कर्मचारी हॉटस्पॉट व संवेदनशील क्षेत्रों को सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं. जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के होने की पुष्टि होती है, ये वहां पहुंचकर क्षेत्र में सैनिटाइजेशन करते हैं.

इन कोरोना योद्धाओं ने कोरोना को मात देने की उठाई है जिम्मेदारी

राजधानी के अब तक सैकड़ों की संख्या मे क्षेत्रों को सैनिटाइज किया गया है, जिसमें अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हॉटस्पॉट सहित संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिटाइज काम कर रहे अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों से ईटीवी भारत ने बात की.

ईटीवी भारत से बातचीत में इन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बताते हुए देश को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने की बात कही. हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी पारिवारिक मजबूरियों के बारे में भी बताया. किसी ने बताया कि वह पिछले 4 महीने से अपने घर नहीं गया तो किसी का कहना था कि वह घर जाते हैं लेकिन अपने बच्चों से नहीं मिल पाते, क्योंकि हर वक्त डर रहता है कि कहीं काम के दौरान संक्रमण उन तक न पहुंच जाए. अपने परिवार को बचाने के लिए ये कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों से दूर ही रहते हैं.

पुलिस कर्मचारी ही नहीं उनके परिवार की महिला एवं अन्य सदस्य भी इस कोरोना की जंग में कदम से कदम मिलाकर हिस्सा ले रही हैं, जहां पुलिस कर्मचारी मैदान में उतरकर संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं पुलिस कर्मचारी और अपने परिवार की सुरक्षा में घर की महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं.

महिलाओं का कहना है कि हम इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि क्षेत्र में काम करने वाले पुलिस कर्मचारी के माध्यम से वायरस घर के अन्य सदस्यों तक न फैले. इसके लिए पूरे इंतजाम किए जाते हैं. घर के बाहर उनके कपड़े उतरवाकर हाथ- पैर धुलवाए जाते हैं. बचाव की प्रक्रिया को अपनाने के बाद भी पुलिस कर्मचारियों को घर के अंदर आने दिया जाता है.

वहीं पुलिस कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना वायरस से डर तो लगता लेकिन वर्दी की जिम्मेदारी को निभाना है, इसलिए हम अपने डर को डरा देते हैं और देश की रक्षा के लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.

इसे भी पढ़ें:-राजीव हत्याकांड : दोषी मुरुगन व नलिनी ने हाईकोर्ट से मांगी वाट्सएप कॉल की इजाजत

लखनऊ: 'मौत के डर को डराकर भी फर्ज निभाने आए हैं, हम खाकी पहन के कोरोना तुझे मिटाने आए हैं. रुकावटें क्या रोकेंगी अब हमें, हम तो घर वालों को भी समझा बुझाकर आए हैं'. जी हां कुछ ऐसी ही मनोदशा इन दिनों हॉटस्पॉट और संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे पुलिस कर्मचारियों की है. जहां एक ओर भारी संख्या में पुलिस कर्मचारी हॉटस्पॉट एरिया में तैनात हैं तो वहीं अग्निशमन विभाग के तमाम कर्मचारी हॉटस्पॉट व संवेदनशील क्षेत्रों को सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं. जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के होने की पुष्टि होती है, ये वहां पहुंचकर क्षेत्र में सैनिटाइजेशन करते हैं.

इन कोरोना योद्धाओं ने कोरोना को मात देने की उठाई है जिम्मेदारी

राजधानी के अब तक सैकड़ों की संख्या मे क्षेत्रों को सैनिटाइज किया गया है, जिसमें अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हॉटस्पॉट सहित संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिटाइज काम कर रहे अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों से ईटीवी भारत ने बात की.

ईटीवी भारत से बातचीत में इन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बताते हुए देश को बचाने के लिए कुछ भी कर गुजरने की बात कही. हालांकि इस दौरान उन्होंने अपनी पारिवारिक मजबूरियों के बारे में भी बताया. किसी ने बताया कि वह पिछले 4 महीने से अपने घर नहीं गया तो किसी का कहना था कि वह घर जाते हैं लेकिन अपने बच्चों से नहीं मिल पाते, क्योंकि हर वक्त डर रहता है कि कहीं काम के दौरान संक्रमण उन तक न पहुंच जाए. अपने परिवार को बचाने के लिए ये कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों से दूर ही रहते हैं.

पुलिस कर्मचारी ही नहीं उनके परिवार की महिला एवं अन्य सदस्य भी इस कोरोना की जंग में कदम से कदम मिलाकर हिस्सा ले रही हैं, जहां पुलिस कर्मचारी मैदान में उतरकर संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं पुलिस कर्मचारी और अपने परिवार की सुरक्षा में घर की महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं.

महिलाओं का कहना है कि हम इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि क्षेत्र में काम करने वाले पुलिस कर्मचारी के माध्यम से वायरस घर के अन्य सदस्यों तक न फैले. इसके लिए पूरे इंतजाम किए जाते हैं. घर के बाहर उनके कपड़े उतरवाकर हाथ- पैर धुलवाए जाते हैं. बचाव की प्रक्रिया को अपनाने के बाद भी पुलिस कर्मचारियों को घर के अंदर आने दिया जाता है.

वहीं पुलिस कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना वायरस से डर तो लगता लेकिन वर्दी की जिम्मेदारी को निभाना है, इसलिए हम अपने डर को डरा देते हैं और देश की रक्षा के लिए हम लगातार मेहनत कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.

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