लखनऊ: प्रदेश में कोरोना भयावह हो रहा है. ऐसे में सरकार ने अब नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसके लिए जिलों में बंद ट्रूनेट मशीन से टेस्ट फिर से शुरू किए जाएंगे. वहीं 12 जनपदों में कोरोना वायरस की जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब भी बनेंगी.
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक अभी दो लाख के करीब कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. इसमें 97 हजार के करीब आरटीपीसीआर टेस्ट हो पा रहे हैं. वहीं सरकार ने हर रोज डेढ़ लाख आरटीपीसीआर टेस्ट करने का फैसला किया है. ऐसे में जनपदों में आरटीपीसीआर टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी. इसके लिए 300 बंद ट्रू नेट मशनों से जांच शुरू की जाएगी. अभी तक इन मशीनों पर दूसरी बीमारी के टेस्ट हो रहे थे. वहीं 12 जनपदों में आरटीपीसीआर लैब की स्थापना की जाएगी.
इन जनपदों में बनेगी लैब
आरटीपीसीआर के लिए 12 जनपदों का चयन हो गया है. इसमें अमेठी, औरैया, बिजनौर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, सिद्धार्थनगर, बुलंदशहर, सीतापुर, सोनभद्र और मऊ में आरटीपीसीआर लैब बनेंगी. इन जनपदों के निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल भी बनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'टेस्ट, ट्रेस, ट्रीट' के लक्ष्य के अनुरूप कोविड-19 के नियंत्रण की प्रभावी कार्यवाही को जारी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में कोविड बेड और आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखा जाए. उन्होंने कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवाओं के सुचारू संचालन के निर्देश भी दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जनपद लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और प्रयागराज पर विशेष ध्यान देते हुए चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए. हर जनपद में एल-2 और एल-3 श्रेणी के कोविड बेड की संख्या बढ़ाई जाए. सभी जिलों में ऑक्सीजन की सुचारू उपलब्धता हर हाल में बनी रहे.
निजी मेडिकल कॉलेजों में स्थापित की जाएं कोविड अस्पताल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निजी मेडिकल काॅलेजों में कोविड चिकित्सालयों के संचालन के लिए नियमित माॅनिटरिंग की जाए. इन अस्पतालों के लिए आवश्यकतानुसार चिकित्साकर्मियों के साथ-साथ अन्य मेडिकल संसाधनों की भी व्यवस्था कराई जाए. इस बात का ध्यान दिया जाए कि कोविड बेड में निर्धारित मानकों के अनुरूप ऑक्सीजन अथवा वेन्टिलेटर एवं हाई फ्लो नेजल कैन्युला (एचएफएनसी) की उपलब्धता रहे. उन्होंने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को निर्देशित किया कि वे नियमित तौर पर कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं और विभिन्न मेडिकल संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा करें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके दृष्टिगत टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले कुछ दिनों में प्रतिदिन कम से कम 1.5 लाख टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से हों. आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के लिए केजीएमयू, आरएमएलआईएमएस की टेस्टिंग क्षमता को दोगुना किया जाए. स्वशासी मेडिकल काॅलेजों में आरटीपीसीआर के माध्यम से जांच की व्यवस्था की जाए. उपलब्ध अवस्थापना से नई मशीनों को जोड़ते हुए आरटीपीसीआर टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जाए. आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या में वृद्धि के लिए अधिक से अधिक निजी प्रयोगशालाओं को जोड़ा जाए.