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लखनऊ: 3 घण्टे तक नहीं आई एंबुलेंस, कोरोना संक्रमित की मौत - लखनऊ कोरोना मरीज की मौत

यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीज को 3 घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली. जब तक परिजन खुद निजी एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक मरीज दम तोड़ चुका था.

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कोरोना संक्रमित की मौत.
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Published : Aug 18, 2020, 3:25 PM IST

लखनऊ: राजधानी में कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे तमाम दावे कितने हवा-हवाई हैं, आप इस पूरी घटना से जान सकते हैं. आरोप है कि यहां एक कोरोना संक्रमित मरीज को 3 घंटे तक एम्बुलेंस नहीं मिली. जब तक परिजन खुद निजी एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक मरीज दम तोड़ चुका था.

मामला राजधानी के मड़ियांव क्षेत्र का है. 45 वर्षीय अरविंद अग्रवाल अग्रसेन नगर कॉलोनी में रहते थे. बीते कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी. कोरोना की आशंका से रविवार को निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराई गई, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले मरीज की हालत गंभीर हो गई. पिता रमेश अग्रवाल के मुताबिक एंबुलेंस के लिए फोन किया गया, लेकिन मदद नहीं मिली.

लंबी जद्दोजहद के बाद कोविड-19 सेंटर से बात हुई तो मरीज को बीकेटी शिफ्ट करने की बात कही गई. सुबह 8:00 बजे मरीज की सांसें काफी तेजी से फूलने लगी. करीब 11 बजे तक परिजनों ने एंबुलेंस के आने का इंतजार किया, लेकिन 3 घंटे तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंबुलेंस से नहीं मिल पाई. इसके बाद परिजन खुद निजी एंबुलेंस से हरदोई रोड स्थित हॉस्पिटल लेकर के गए. जहां डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया.

दूसरी तरफ निजी पैथोलॉजी की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई कि मृतक कोरोना संक्रमित था. वहीं इस पूरी लापरवाही पर जब हमने राजधानी लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरपी सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा मामला संज्ञान में है दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

लखनऊ: राजधानी में कोरोना से निपटने के लिए किए जा रहे तमाम दावे कितने हवा-हवाई हैं, आप इस पूरी घटना से जान सकते हैं. आरोप है कि यहां एक कोरोना संक्रमित मरीज को 3 घंटे तक एम्बुलेंस नहीं मिली. जब तक परिजन खुद निजी एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे, तब तक मरीज दम तोड़ चुका था.

मामला राजधानी के मड़ियांव क्षेत्र का है. 45 वर्षीय अरविंद अग्रवाल अग्रसेन नगर कॉलोनी में रहते थे. बीते कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी. कोरोना की आशंका से रविवार को निजी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराई गई, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले मरीज की हालत गंभीर हो गई. पिता रमेश अग्रवाल के मुताबिक एंबुलेंस के लिए फोन किया गया, लेकिन मदद नहीं मिली.

लंबी जद्दोजहद के बाद कोविड-19 सेंटर से बात हुई तो मरीज को बीकेटी शिफ्ट करने की बात कही गई. सुबह 8:00 बजे मरीज की सांसें काफी तेजी से फूलने लगी. करीब 11 बजे तक परिजनों ने एंबुलेंस के आने का इंतजार किया, लेकिन 3 घंटे तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंबुलेंस से नहीं मिल पाई. इसके बाद परिजन खुद निजी एंबुलेंस से हरदोई रोड स्थित हॉस्पिटल लेकर के गए. जहां डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया.

दूसरी तरफ निजी पैथोलॉजी की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई कि मृतक कोरोना संक्रमित था. वहीं इस पूरी लापरवाही पर जब हमने राजधानी लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरपी सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा मामला संज्ञान में है दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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