लखनऊ: दशहरे मेले के आयोजन को लेकर कोरोना के चलते किसी पर असर पड़ा हो या न पड़ा हो, लेकिन छोटे दुकानदारों पर इसका काफी असर देखने को मिला है. रविवार को दशहरे मेले में दुकान लगाने वाले छोटे दुकानदारों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा है. मड़ियांव निवासी अशफाक राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध 500 साल पुराने रामलीला मैदान दशहरे मेले पर अपनी गुब्बारे की दुकान लगाने के लिए पहुंचा था. उसको उम्मीद थी दशहरे मेले पर उसका अच्छा खासा व्यापार होगा, लेकिन उसे पुलिस की शक्ति के चलते दुकान लगाने का मौका नहीं मिला.
अशफाक का कहना था कि वो करीब 7 से 8 किमी पैदल चलकर मेले में पहुंचा था, लेकिन कोरोना की वजह से पुलिस की शक्ति के चलते किसी भी दुकानदार को रुकने नहीं दिया गया. वहीं खिलौने की दुकान लगाने वाले डालीगंज निवासी अजितेश का कहना था कि कोरोना की वजह से पूरा साल व्यापार के लिहाज से खराब रहा. हालांकि अक्टूबर और नवम्बर माह में पड़ने वाले त्योहारों पर कुछ व्यापार होने की उम्मीद थी, लेकिन व्यापार पूरी तरीके से चौपट हो गया. इसी तरह शहर के कई जगहों पर रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए, जिससे छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है.