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संघ, संगठन और सरकार के बीच 16 सितम्बर को होगी समन्वय बैठक - आरएसएस संगठन और सरकार की बैठक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संगठन और सरकार के साथ 16 सितम्बर को समन्वय बैठक होगी. इस बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा होगी.

meeting of rss with organization and government will be held on 16 september
आरएसएस की संगठन और सरकार के साथ होगी बैठक.
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Published : Sep 13, 2020, 3:42 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 7:13 PM IST

लखनऊ: संघ, संगठन और सरकार के मध्य आगामी 16 सितम्बर को समन्वय बैठक होने वाली है. बैठक में भाजपा और सरकार के कामकाज पर मंथन किया जाएगा. प्रदेश में जनता को सरकार को लेकर क्या सोचना है, तीन साल के कार्यकाल में किन बिंदुओं पर सरकार काम नहीं कर सकी. आगे सब कुछ ठीक हो, इसके लिए संगठन और सरकार को एक-दूसरे को साथ लेकर मजबूती से कदम बढ़ाने पर रणनीति तैयार की जाएगी. पार्टी के विधायकों के मुखर हो रहे स्वर को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जा सकती है.

कई प्रमुख पदाधिकारी होंगे शामिल
समन्वय बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबोले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहेंगे. वैसे तो यह रूटीन समन्वय बैठक है, लेकिन प्रदेश के मौजूदा हालात को देखते हुए इस तरफ सभी की नजरें हैं.

काफी महत्वपूर्ण है बैठक
दरअसल, ऐसी बैठक में प्रदेश के हालात पर विस्तार से चर्चा की जाती है. सरकार, संगठन और जनता, कोई भी पहलू अछूता नहीं रहता. प्रदेश के विकास कार्य को लेकर चल रही योजनाओं, जरूरतों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाती है. इन सबके साथ संगठन की भूमिका पर भी चर्चा होनी है. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि यह बैठक काफी अहम है. इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अपने ही विधायक अधिकारियों और सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

सीएम योगी के गृह क्षेत्र गोरखपुर के विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और सीएम योगी के बीच तलवारें खिंची हैं. यह किसी से छिपा नहीं है. पिछले दिनों उन्होंने ट्वीट कर पुलिस पर सवाल खड़ा किया. अग्रवाल के एक ट्वीट ने शासन में हड़कंप मचा दिया. उनके ट्वीट करने के बाद शासन के अधिकारियों ने विधायक को फोन किया, कार्रवाई भी हुई और उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. इसको लेकर पार्टी नेतृत्व ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पार्टी दफ्तर पहुंचकर अपना स्पष्टीकरण भी दिया.

यह मामला थमा नहीं था कि सुल्तानपुर जिले की लंभुआ सीट से विधायक देवमणि दुबे ने इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की खरीद में घोटाले का डीएम पर आरोप लगाया. मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की. मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश दिए गए. इसके बाद डीएम और विधायक के बीच लड़ाई सार्वजनिक हो गई. हालांकि प्रथम दृष्टया विधायक के आरोप सही पाए जाने की वजह से ही सरकार ने सुलतानपुर के साथ-साथ गाजीपुर के भी डीपीआरओ को निलंबित किया. इसके बाद डीएम पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठने लगे. आखिरकार सरकार को सुलतानपुर की जिलाधिकारी सी इंदुमति को भी हटाना ही पड़ा.

विपक्ष ने विधायकों के आरोपों को बनाया हथियार
विधायकों के आरोपों को विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अपना हथियार बना लिया. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसी के सहारे सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने यहां तक कहा कि पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर समेत मेडिकल उपकरणों की खरीद की जांच सीबीआई से कराई जाए तो पूरी सरकार लिप्त पाई जाएगी. यह घोटाला किसी एक जिले का नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश में घोटाला हुआ है.

बीजेपी के कई विधायकों ने की सरकार की घेराबंदी
ऐसा नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने पहली बार अपनी ही सरकार में अधिकारियों के खिलाफ आवाज बुलंद किया है. इससे पहले भी बीजेपी के विधायक पुलिस, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चुके हैं. सीतापुर के विधायक राकेश राठौर के अपनी सरकार से नाराज रहने की चर्चा है. विधायक राठौर का वायरल हुए ऑडियो में इस बात का प्रमाण भी मिलता है. राकेश राठौर को भी भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया था. मालूम हो कि राकेश राठौर ने कोरोना काल के दौरान अपने ही संगठन के एक कार्यकर्ता से पीएम मोदी के थाली बजाओ कार्यक्रम का काफी मजाक बनाया था.

हरदोई जिले के गोपामऊ विधानसभा से भाजपा के विधायक श्याम प्रकाश लगातार सोशल मीडिया पर योगी सरकार की घेराबंदी करते नजर आ रहे हैं. सरकार पर सवाल उठाए जाने को लेकर पार्टी नेतृत्व ने इनसे भी स्पष्टीकरण मांगा था. इसके बाद अलीगढ़ में बीजेपी विधायक के साथ थाने में हुई मारपीट का प्रकरण खूब सुर्खियों में रहा है.

ब्राह्मणों के मामले में सरकार पर उठे सवाल
ब्राह्मण और वैश्यों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा की सरकार में ब्राह्मणों के साथ अन्याय होने की बात सभी को चौंकाने वाली है. भाजपा के भीतर हो या फिर बाहर, सभी ने मुखर होकर योगी सरकार पर यह आरोप लगाया है. लंभुआ से बीजेपी के विधायक देवमणि दुबे का पत्र वायरल हुआ. इस पत्र में वह उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में ब्राह्मणों की हुई हत्या और उन्हें जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस के बारे में जानकारी चाह रहे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती हों या फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने योगी सरकार में ब्राह्मणों के साथ अन्याय का खुलकर आरोप लगाया है.

समन्वय बैठक से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार की सुबह दो दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं. उनकी संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के साथ क्रमवार बैठक चल रही हैं. सरकार के सूत्रों के मुताबिक समन्वय बैठक आगामी 16 सितम्बर को मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर प्रस्तावित है.

लखनऊ: संघ, संगठन और सरकार के मध्य आगामी 16 सितम्बर को समन्वय बैठक होने वाली है. बैठक में भाजपा और सरकार के कामकाज पर मंथन किया जाएगा. प्रदेश में जनता को सरकार को लेकर क्या सोचना है, तीन साल के कार्यकाल में किन बिंदुओं पर सरकार काम नहीं कर सकी. आगे सब कुछ ठीक हो, इसके लिए संगठन और सरकार को एक-दूसरे को साथ लेकर मजबूती से कदम बढ़ाने पर रणनीति तैयार की जाएगी. पार्टी के विधायकों के मुखर हो रहे स्वर को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की जा सकती है.

कई प्रमुख पदाधिकारी होंगे शामिल
समन्वय बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबोले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहेंगे. वैसे तो यह रूटीन समन्वय बैठक है, लेकिन प्रदेश के मौजूदा हालात को देखते हुए इस तरफ सभी की नजरें हैं.

काफी महत्वपूर्ण है बैठक
दरअसल, ऐसी बैठक में प्रदेश के हालात पर विस्तार से चर्चा की जाती है. सरकार, संगठन और जनता, कोई भी पहलू अछूता नहीं रहता. प्रदेश के विकास कार्य को लेकर चल रही योजनाओं, जरूरतों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाती है. इन सबके साथ संगठन की भूमिका पर भी चर्चा होनी है. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि यह बैठक काफी अहम है. इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अपने ही विधायक अधिकारियों और सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

सीएम योगी के गृह क्षेत्र गोरखपुर के विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और सीएम योगी के बीच तलवारें खिंची हैं. यह किसी से छिपा नहीं है. पिछले दिनों उन्होंने ट्वीट कर पुलिस पर सवाल खड़ा किया. अग्रवाल के एक ट्वीट ने शासन में हड़कंप मचा दिया. उनके ट्वीट करने के बाद शासन के अधिकारियों ने विधायक को फोन किया, कार्रवाई भी हुई और उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया. इसको लेकर पार्टी नेतृत्व ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पार्टी दफ्तर पहुंचकर अपना स्पष्टीकरण भी दिया.

यह मामला थमा नहीं था कि सुल्तानपुर जिले की लंभुआ सीट से विधायक देवमणि दुबे ने इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की खरीद में घोटाले का डीएम पर आरोप लगाया. मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की. मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश दिए गए. इसके बाद डीएम और विधायक के बीच लड़ाई सार्वजनिक हो गई. हालांकि प्रथम दृष्टया विधायक के आरोप सही पाए जाने की वजह से ही सरकार ने सुलतानपुर के साथ-साथ गाजीपुर के भी डीपीआरओ को निलंबित किया. इसके बाद डीएम पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठने लगे. आखिरकार सरकार को सुलतानपुर की जिलाधिकारी सी इंदुमति को भी हटाना ही पड़ा.

विपक्ष ने विधायकों के आरोपों को बनाया हथियार
विधायकों के आरोपों को विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अपना हथियार बना लिया. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसी के सहारे सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने यहां तक कहा कि पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर समेत मेडिकल उपकरणों की खरीद की जांच सीबीआई से कराई जाए तो पूरी सरकार लिप्त पाई जाएगी. यह घोटाला किसी एक जिले का नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश में घोटाला हुआ है.

बीजेपी के कई विधायकों ने की सरकार की घेराबंदी
ऐसा नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने पहली बार अपनी ही सरकार में अधिकारियों के खिलाफ आवाज बुलंद किया है. इससे पहले भी बीजेपी के विधायक पुलिस, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चुके हैं. सीतापुर के विधायक राकेश राठौर के अपनी सरकार से नाराज रहने की चर्चा है. विधायक राठौर का वायरल हुए ऑडियो में इस बात का प्रमाण भी मिलता है. राकेश राठौर को भी भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया था. मालूम हो कि राकेश राठौर ने कोरोना काल के दौरान अपने ही संगठन के एक कार्यकर्ता से पीएम मोदी के थाली बजाओ कार्यक्रम का काफी मजाक बनाया था.

हरदोई जिले के गोपामऊ विधानसभा से भाजपा के विधायक श्याम प्रकाश लगातार सोशल मीडिया पर योगी सरकार की घेराबंदी करते नजर आ रहे हैं. सरकार पर सवाल उठाए जाने को लेकर पार्टी नेतृत्व ने इनसे भी स्पष्टीकरण मांगा था. इसके बाद अलीगढ़ में बीजेपी विधायक के साथ थाने में हुई मारपीट का प्रकरण खूब सुर्खियों में रहा है.

ब्राह्मणों के मामले में सरकार पर उठे सवाल
ब्राह्मण और वैश्यों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा की सरकार में ब्राह्मणों के साथ अन्याय होने की बात सभी को चौंकाने वाली है. भाजपा के भीतर हो या फिर बाहर, सभी ने मुखर होकर योगी सरकार पर यह आरोप लगाया है. लंभुआ से बीजेपी के विधायक देवमणि दुबे का पत्र वायरल हुआ. इस पत्र में वह उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में ब्राह्मणों की हुई हत्या और उन्हें जारी किए गए शस्त्र लाइसेंस के बारे में जानकारी चाह रहे हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष मायावती हों या फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने योगी सरकार में ब्राह्मणों के साथ अन्याय का खुलकर आरोप लगाया है.

समन्वय बैठक से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार की सुबह दो दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं. उनकी संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के साथ क्रमवार बैठक चल रही हैं. सरकार के सूत्रों के मुताबिक समन्वय बैठक आगामी 16 सितम्बर को मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर प्रस्तावित है.

Last Updated : Sep 13, 2020, 7:13 PM IST
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