लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से दीक्षारंभ कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेज में नए सत्र से दीक्षारंभ के छह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस तैयारी के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों को बुलाया गया है. वहीं उन्हें दीक्षारंभ कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी. इस आयोजन का मकसद विद्यार्थियों को कॉलेज और विश्वविद्यालय से परिचित कराने के साथ ही उनमें सामाजिकता का विकास करना भी है.
दीक्षारंभ कार्यशाला का शुभारंभ
लखनऊ विश्वविद्यालय और उससे जुड़े विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षकों को दीक्षारंभ प्रशिक्षण कार्यशाला में बुलाया गया. वहीं यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, यूजीसी की अपर सचिव डॉ. रेनू बत्रा और संयुक्त सचिव उर्मिला देवी ने दीप प्रकाशित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
यूजीसी कराएगा दीक्षारंभ कार्यशाला का आयोजन
इस मौके पर प्रोफेसर डीपी सिंह ने बताया कि दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन कई कॉलेज और विश्वविद्यालय अपने स्तर पर कराते हैं, लेकिन यह पहली बार है जब यूजीसी ने तय किया है कि सभी विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाए. इस कार्यक्रम के तहत 6 दिन का विशेष आयोजन शैक्षिक सत्र की शुरुआत में किया जाएगा. इसमें प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के साथ ही वरिष्ठ और पुरातन विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
नव प्रवेशित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से परिचित कराया जाएगा
विभिन्न गतिविधियों के जरिए नव प्रवेशित विद्यार्थियों को कॉलेज विश्वविद्यालय, उसकी प्रशासनिक व्यवस्था, विभिन्न शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी. उनके समाज और परिवेश की जानकारी भी तमाम गतिविधियों में शामिल होगी. हमारा आशय है कि स्कूल से निकलकर आने वाला विद्यार्थी जब उच्च शिक्षा के लिए तैयार हो तो उसे अपनी जिम्मेदारियों और उस वातावरण का भी एहसास हो, जहां उसे सफलता हासिल करनी है.
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इसी मकसद से यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज से अपील की है कि वह अपने आसपास के 5 गांव को गोद ले, जहां विद्यार्थी शिक्षकों के साथ जाकर रात्रि प्रवास करें. उन गांव की समस्याओं से अवगत हो और उनके समाधान के लिए प्रयास करें.
दीक्षारंभ प्रशिक्षण कार्यशाला में शिक्षकों को बुलाया गया है, जहां विशेषज्ञ उन्हें इस बारे में जानकारी देंगे. इस कार्यशाला के कई प्रारूप (माड्यूल) ऐसे भी हैं, जो शिक्षकों में भी क्षमता विकास के लिए सहायक होंगे. हमारी कोशिश है कि विश्वविद्यालय से ऐसे शिक्षक निकले जो उच्च शिक्षा में बड़ी जिम्मेदारियों को संभाल सकें.