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नूपुर शर्मा को लेकर अखिलेश यादव के ट्वीट पर विवाद, NCW ने यूपी पुलिस से की शिकायत

नूपुर शर्मा को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव के ट्वीट पर विवाद छिड़ गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी पुलिस से अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. आइये खबर में जानते हैं कि अखिलेश यादव का ट्वीट और इसको लेकर पूरा विवाद क्या है?

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सपा मुखिया अखिलेश यादव
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Published : Jul 4, 2022, 3:54 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय महिला आयोग ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस से शिकायत की है. बीते दो दिन पहले अखिलेश यादव ने नूपुर शर्मा पर ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि 'सिर्फ मुख को नहीं, शरीर को भी माफी मांगनी चाहिए और देश में अशांति और सौहार्द बिगाड़ने की सजा मिलनी चाहिए'. इस पर महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आपत्ति जताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अखिलेश यादव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. अखिलेश यादव आम जनता को नुपूर शर्मा पर हमला करने के लिए उकसा रहे है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. आयोग ने यूपी पुलिस से अखिलेश यादव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और 504 लगाए जाने और तीन दिनों के भीतर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

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सपा मुखिया अखिलेश यादव

इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का कहना है राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत की गई होगी, तभी उन्होंने कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल राज्य महिला आयोग के पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. शिकायत मिलने पर महिला के आत्मसम्मान के हित में आवाज जरूर उठाई जाएगी.

यह भी पढ़ें- यूपी सरकार के 100 दिन पूरे, सीएम योगी बोले- 1 ट्रिलियन इकोनॉमी का है लक्ष्य

बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 509 में शब्द, हावभाव या कार्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की अपमान करने का अर्थ निहित है. जो भी व्यक्ति किसी महिला की लज्जा का अपमान करने का इरादा रखता है. महिला की गोपनीयता भंग करने के आशय से कोई शब्द बोलता है, कोई ध्वनि या इशारा करता है, या किसी वस्तु का प्रदर्शन करता है. इसके लिए उस व्यक्ति को साधारण कारावास से दंडित किए जाने का प्रावधान है. इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लग सकता है.

भारतीय दंड संहिता के धारा 504 में शांति भंग और भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है. जो व्यक्ति जानबूझकर अपमान करता है या इस तरह किसी भी व्यक्ति को उकसाता है, जिससे सार्वजनिक शांति भंग कर हो. वह अपराध की श्रेणी में आएगा. इसमें उस व्यक्ति को दो वर्ष का कारावास, जुर्माना या उसे दण्ड दिया जा सकता.

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लखनऊ: राष्ट्रीय महिला आयोग ने सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस से शिकायत की है. बीते दो दिन पहले अखिलेश यादव ने नूपुर शर्मा पर ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि 'सिर्फ मुख को नहीं, शरीर को भी माफी मांगनी चाहिए और देश में अशांति और सौहार्द बिगाड़ने की सजा मिलनी चाहिए'. इस पर महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आपत्ति जताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की है.

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अखिलेश यादव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. अखिलेश यादव आम जनता को नुपूर शर्मा पर हमला करने के लिए उकसा रहे है. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. आयोग ने यूपी पुलिस से अखिलेश यादव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 509 और 504 लगाए जाने और तीन दिनों के भीतर कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

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सपा मुखिया अखिलेश यादव

इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का कहना है राष्ट्रीय महिला आयोग के पास शिकायत की गई होगी, तभी उन्होंने कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल राज्य महिला आयोग के पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. शिकायत मिलने पर महिला के आत्मसम्मान के हित में आवाज जरूर उठाई जाएगी.

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बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 509 में शब्द, हावभाव या कार्य जिसका उद्देश्य किसी महिला की अपमान करने का अर्थ निहित है. जो भी व्यक्ति किसी महिला की लज्जा का अपमान करने का इरादा रखता है. महिला की गोपनीयता भंग करने के आशय से कोई शब्द बोलता है, कोई ध्वनि या इशारा करता है, या किसी वस्तु का प्रदर्शन करता है. इसके लिए उस व्यक्ति को साधारण कारावास से दंडित किए जाने का प्रावधान है. इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लग सकता है.

भारतीय दंड संहिता के धारा 504 में शांति भंग और भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने से संबंधित है. जो व्यक्ति जानबूझकर अपमान करता है या इस तरह किसी भी व्यक्ति को उकसाता है, जिससे सार्वजनिक शांति भंग कर हो. वह अपराध की श्रेणी में आएगा. इसमें उस व्यक्ति को दो वर्ष का कारावास, जुर्माना या उसे दण्ड दिया जा सकता.

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