लखनऊः राजधानी लखनऊ में लाॅकडाउन के बाद अन्य राज्यों से पलायन कर आए 300 प्रवासी श्रमिकों को बड़ी फैक्ट्रियों में रोजगार दिया जा चुका है. वहीं प्रशासन पलायन कर आए प्रवासी मजदूरों को बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है. जिला प्रशासन की ओर से मजदूरों को रोजगार के लिए फोन पर ही रजिस्ट्रेशन कराने और रोजगार उपलब्ध कराने की भी तैयारी की जा रही है, जिससे की मजदूरों को रोजगार के लिए परेशानियों का सामना न करना पड़े.
रोजगार देने के लिए बनाया जा रहा कंट्रोल रूम
प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए डीएम अभिषेक प्रकाश के कार्यालय में एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाने की तैयारी की जा रही है. इससे पहले लॉकडाउन में जरूरतमंदों और गरीबों को खाना उपलब्ध कराने के लिए ऐसा ही एक कंट्रोल रूम बनाया गया था. डीएम ने मनरेगा का कार्य देखने वाले संबंधित विभागों के अधिकारियों से कार्यों का ब्योरा मांगा है.
पौधरोपण के तहत भी दिया जाएगा रोजगार
राजधानी में मनरेगा के तहत तालाब की खुदाई से लेकर पौधरोपण तक के कार्यक्रमों को बड़े स्तर पर लागू करने की योजना है. इसमें प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को भी रोजगार दिया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में प्रवासी श्रमिकों को फोन करके अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद सरकार की योजनाओं के तहत उनको रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
65 क्षेत्रों में रोजगार देने की तैयारी
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार प्रवासी श्रमिकों को करीब 65 क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है. डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि प्रवासियों की स्किल मैपिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि रोजगार मुहैया कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल को नोडल अधिकारी बनाया गया है.
वहीं मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों में स्किल्ड और नॉन स्किल्ड दोनों शामिल हैं. उन्होंने बताया इसके लिए तहसीलवार और विकास खंड के अनुसार सूची तैयार की गई है. इसके अनुसार पब्लिकेशन, टेलरिंग, कुकिंग, सेल्स और मार्केटिंग, प्लबरिंग, पेंटिंग, फैक्ट्री प्रोसेसिंग, निर्माण कौशल, लांड्री, मैकेनिकल, कार पेंटिंग, रिपेयरिंग, बैंकिंग समेत करीब 65 क्षेत्रों के कारीगर सामने आए हैं. सभी को रोजगार दिया जाएगा.